संत ज्ञानेश्वर के उत्तराधिकारी की भी हत्या
विवादों में घिरे रहने वाले स्वर्गीय संत ज्ञानेश्वर के उत्तराधिकारी की भी आज उनके आश्रम में हत्या कर दी गई। बाराबंकी के रैसडा में आश्रम पर संत ज्ञानेश् ...और पढ़ें

लखनऊ। विवादों में घिरे रहने वाले स्वर्गीय संत ज्ञानेश्वर के उत्तराधिकारी की भी आज उनके आश्रम में हत्या कर दी गई। बाराबंकी के रैसडा में आश्रम पर संत ज्ञानेश्वर के उत्तराधिकारी राम सहाय सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
आज दिन में करीब दस बजे हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर शरीर को छलनी कर दिया। इस घटना से आश्रम के अलावा आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई है। संत ज्ञानेश्वर की उनके सात साथियों समेत नौ साल पहले इलाहाबाद के हंडिया में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से राम सहाय सिंह ही आश्रम का पूरा कार्यभार संभाल रहे थे। इस हत्या में संत ज्ञानेश्वर के ही उन करीबी लोगों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है जो राम सहाय सिंह के कार्य से संतुष्ट नहीं थे।
बाराबंकी के कोठी थाना क्षेत्र के संत ज्ञानेश्वर के आश्रम रैसड़ा में आज उस समय सनसनी फैल गई जब प्रात दस बजे पूरा आश्रम गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। बाहर के लोगों को इसकी भनक जब लगी और उन्होंने अंदर जाकर देखा तो राम सहाय सिंह का शव अंदर पड़ा हुआ था। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। दिन में एक बजे तक किसी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। संत ज्ञानेश्वर का आश्रम लगभग तीन सौ एकड़ में फैला हुआ है।
इससे पहले भी 2005 में संत ज्ञानेश्वर की एक करीबी शिष्या ने आश्रम में ही आग लगाकर खुदकुशी कर ली थी। उसी समय इलाहाबाद से संत ज्ञानेश्वर का शव बाराबंकी के सिद्धौर आश्रम लाया गया। उसके कुछ देर बाद ही दूसरी मंजिल के एक कमरे में उनकी शिष्या ने शरीर पर केरोसिन छिड़ककर आग लगा ली। उसे गंभीर रूप से जली हुई हालत में अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। संत ज्ञानेश्वर की हत्या के मामले में 2005 में इलाहाबाद के हंडिया के थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया था। देवरिया के मूल निवासी संत ज्ञानेश्वर का रिकार्ड आपराधिक था।

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