खाकी में छिप जाते दाग लेकिन सियासी वर्दी में नहीं : अखिलेश
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वर्दी का रंग खाकी है इसलिए कोई धब्बा नहीं दिखता है। फिर भी पुलिस की जितनी अच्छाई है सामने नहीं आती और बुराई सबसे आगे चलती है।
लखनऊ (जेएनएन)।मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बदले अंदाज में नजर आए। उन्होंने कहा कि वर्दी का रंग खाकी है इसलिए कोई धब्बा नहीं दिखता है। फिर भी पुलिस की जितनी अच्छाई है सामने नहीं आती और बुराई सबसे आगे चलती है। हमारी वर्दी सफेद है इसलिए दाग जल्दी दिखते हैं।
गुरुवार को मुख्यमंत्री अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास से 'डायल 100 परियोजना-एक परिचय' समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि डायल 100 सेवा शुरू करने का मकसद जनता को मुसीबत में सहायता देना है। राज्य सरकार की इसे लेकर नीयत भी साफ है लेकिन असल जरूरत पुलिस को अपना रवैया बदलने की है। हम भाषणों में योजना का जिक्र करें और धरातल पर उसे उतार न पाएं तो यह बड़ी नाकामी होगी। डायल 100 के जरिए लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करना ही सरकार का मकसद है।
समझाने के बावजूद रोक देते माली का रास्ता
मुख्यमंत्री ने अपने घर के बगीचे की एक सच्ची कहानी के जरिए पुलिस की मानसिकता बतायी। उनके कहने का आशय था कि अगर पुलिस जिम्मेदारी समझे तो एक ही काम के लिए बार-बार नहीं कहना पड़ता। बताया कि एक माली रोज उनके बगीचे में गिरे आम चालाकी से उठा ले जाता है। उसे सुरक्षा गार्ड अंदर आने से रोकते हैं और मैं रोज अपना एक आदमी भेजता हूं कि माली को मत रोको। इसके बाद भी सुरक्षाकर्मी सबक नहीं लेते।
उन्होंने पुलिस का मनोबल भी बढ़ाया। कहा कि यह भी सच है कि मुसीबत में पुलिस ही लोगों के काम आती है लेकिन इनके अच्छे कामों के मुकाबले बुरे कामों का प्रचार ज्यादा होता है। उन्होंने डायल 100 परियोजना से जुड़े सलाहकार वेंकट चंगावल्ली, मुख्य सचिव आलोक रंजन, प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा, एडीजी एलओ दलजीत सिंह चौधरी और एडीजी यातायात अनिल अग्रवाल समेत कई अफसरों की सराहना भी की। कहा चंगावल्ली की वजह से ही दुनिया भर में चल रही आपातकालीन सेवाओं की जानकारी मिली। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने डायल 100 योजना की खूबियां गिनाते हुए कहा कि यह गेम चेंजर का काम करेगी। संचालन एडीजी यातायात अनिल अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री, राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी, कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया, प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा, डीजीपी जावीद अहमद, एडीजी कार्मिक भवेश कुमार सिंह, एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी के अलावा गृह विभाग व पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
डायल 100 परियोजना : एक नजर
-शहरों में 15 मिनट तो गांवों में बीस मिनट के भीतर पहुंचेगी पुलिस
-नागरिकों की टेलीफोन कॉल को 700 प्रशिक्षित महिलाएं सुनेंगी ताकि आपात स्थिति में संवेदनशीलता के साथ करें बातचीत
- दुनिया के सबसे बड़े कॉल सेंटर (400 की क्षमता) की स्थापना
- यूपी की इलाकाई भाषाओं के अलावा हिंदी, अंग्रेजी और विदेशी भाषाओं में भी सुनी जाएंगी कॉल
- मूक-बधिर दिव्यांगों को शिकायत की सुविधा, वीडियो अपलोड करने पर मिलेगी मदद
- मौके पर पुलिस पहुंचने के बाद विदेश की तर्ज पर कार्यवाही का प्रोसीजर
- एडीजी कानून-व्यवस्था ने तैयार कराए 400 स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर
- सारी कॉल रिकार्ड करके कॉल सेंटर पुलिस को आडियो, वीडियो डिस्पैच करेगा
- एक दिन में दो लाख कॉल होंगी अटेंड, हरेक वायरलेस से जुड़ेगा कॉल सेंटर
- योजना में पांच साल में 2350 करोड़ रुपये होंगे खर्च
- ग्रामीण इलाकों में डायल 100 के बारे में बताने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी।
शिवपाल को साथ लेकर मतभेद न होने का दिया संदेश
मुख्यमंत्री डायल 100 परियोजना परिचय समारोह, सोनभद्र के ग्रामीणों से मुलाकात और संतों से रिपोर्ट लेने आए तो उनके साथ लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव, प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी और कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया भी मौजूद थे। कौमी एकता दल के विलय के बाद सपा में अंदरुनी कलह, परिवार में मतभेद और सरकार में खींचतान जैसी कई बातें सुर्खियों में रही। मुख्यमंत्री ने शिवपाल सिंह और रामूवालिया को साथ लेकर किसी तरह का मतभेद न होने का संदेश देने की कोशिश की लेकिन खाकी वर्दी में दाग छिपने और सियासी वर्दी में नहीं छिपने की बात कह कर यह भी जता दिया कि सियासत की राह कितनी कठिन है।
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