सियासी समीकरण पर चोट का मरहम रालोद की रैलियां
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का जाट-मस्लिम समीकरण गड़बड़ा गया है। दरअसल, तीन मुस्लिम नेताओ
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का जाट-मस्लिम समीकरण गड़बड़ा गया है। दरअसल, तीन मुस्लिम नेताओं को कैबिनेट मंत्री बनाकर सपा ने रालोद के सियासी समीकरण पर करारी चोट की है। अब रालोद इसकी भरपाई करने के लिए रैलियों और पदयात्राओं का सहारा ढूंढ़ रही है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिमों को पहली बार रिकार्ड प्रतिनिधित्व देने वाले रालोद का समीकरण गड़बड़ा गया है। मेरठ के किठौर क्षेत्र से शाहिद मंजूर, संभल से इकबाल महमूद और अमरोहासे महबूब अली को काबीना मंत्री बनाने के अलावा पश्चिम के करीब एक दर्जन मुस्लिम नेताओं को राज्य मंत्री दर्जा प्रदान कर सपा ने रालोद के वोट बैंक को गहरी चोट दी है।
पदयात्रा से करेंगे भरपाई
किसान दिवस पर मेरठ में रैली करने के बाद रालोद रैलियों के जरिए वोट बटोरने में जुटेगा। 30 जनवरी को आगरा की रैली कामयाब बनाने के लिए रालोद ने पूरी ताकत झोंक दी है। पश्चिमी उप्र प्रभारी व पूर्व विधायक डा.अनिल चौधरी आगरा रैली से क्षेत्र में नए समीकरण बनने का दावा करते हैं। उनका कहना है अब मुद्दा जातपात या धार्मिक उन्माद नहीं रह गया वरन गांव व किसानों की उपेक्षा व भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है। प्रदेश की जनता ने बदलाव का मन बना लिया है।
अमरोहा रैली 23 फरवरी को
प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने बताया कि रैलियों के जरिए सपा की कलई खोलने का सिलसिला जारी है। आगरा के बाद 23 फरवरी को अमरोहा एवं पूर्वाचल में मार्च में रैली होगी। इसके अलावा पदयात्राओं से जर्जर सड़कों की स्थिति जगजाहिर करेंगे। राष्ट्रीय महासचिव जयंत चौधरी सात फरवरी को मुरादाबाद में, 10 को बिजनौर, 12 को बागपत, 15 को बुलंदशहर, 18 को गाजियाबाद तथा 20 को मेरठ में पदयात्रा करेंगे।
बनारस हवाई अड्डे का उद्घाटन
रालोद प्रमुख व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह दो फरवरी को बनारस में लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का अनावरण भी करेंगे। राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने बताया कि सूबे के सभी क्षेत्रों में रैलियों व पदयात्राओं के जरिए जनजागरण जारी रहेगा।
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