सपा घमासान : राजेंद्र चौधरी पार्टी कार्यालय से ले गए सामान और नेम प्लेट
सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी आज कार्यालय से अपना सामान समेटकर ले गए। उन्होंने प्रवक्ता कक्ष पर लगी अपनी नेम प्लेट भी उतरवा ली।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। समाजवादी पार्टी की स्थापना से ही प्रवक्ता पद का दायित्व संभालने वाले राजेंद्र चौधरी रविवार को कार्यालय से अपना सामान समेटकर ले गए। उन्होंने प्रवक्ता कक्ष पर लगी अपनी नेम प्लेट भी उतरवा ली। 24 साल बाद यह पहला मौका था, जब पार्टी कार्यालय से कोई भी विज्ञप्ति उनके हस्ताक्षर के बिना जारी हुई। चौधरी का कहना है कि वह स्वेच्छा से प्रवक्ता पद पर कार्य नहीं करना चाहते।
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दरअसल आज पार्टी कार्यालय से जारी दो प्रेस विज्ञप्तियों में राजेंद्र चौधरी का नाम नहीं था। एक पर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव, दूसरी पर सचिव एसआरएस यादव का नाम था। वर्ष 1992 से लगातार प्रवक्ता पद को संभाल रहे राजेंद्र चौधरी द्वारा अचानक अपना सामान समेट कर चले जाने को समाजवादी कलह से जोड़कर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले चौधरी को प्रदेश प्रवक्ता पद से हटाने की चर्चाएं शनिवार से चल रही थीं लेकिन पार्टी की ओर से इस बारे में कोई अधिकृत सूचना नहीं दी गई थी। रविवार को प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव कार्यभार ग्रहण करने पार्टी कार्यालय पहुंचे, उससे पहले ही राजेंद्र चौधरी अपना सामान समेटकर चले गए। चौधरी की ऐसी विदाई को लेकर एक खेमे में खासा रोष भी है।
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आज एमएलसी अरविंद यादव का निष्कासन और चौधरी का प्रवक्ता पद पर रहने से इन्कार करना, साबित करता है कि समाजवादी कलह अभी थमी नहीं है। चौधरी का कहना है कि पार्टी दफ्तर में उनकी कुछ किताबें और सामान रखा था, जिसे इस्तेमाल के लिए वह ले गए। उन्होंने कहा कि वह स्वेच्छा से प्रवक्ता का कार्य नहीं करना चाहते। इसके कोई सियासी मायने नहीं निकाले जाने चाहिये।