लखनऊ में स्कूलों का गोरखधंधा, मान्यता कक्षा पांच की पढ़ाई 12वीं तक
लखनऊ के डीआइओएस डॉ. मुकेश सिंह कहते हैं, जो भी सामने आ रहे हैं उन पर कार्रवाई होगी टीम गठित की जा रही है।
लखनऊ (पुलक त्रिपाठी)। राजधानी के अमान्य स्कूलों का चेहरा साफ उजागर होने लगा है। विभाग ने करीब दो दर्जन से अधिक स्कूलों की जांच कराई। जिसमें एक दर्जन से अधिक स्कूल अमान्य मिले। जांच में स्कूल कक्षा पांच की मान्यता लेकर बारह तक की कक्षाएं संचालित करते मिले। करीब एक सप्ताह बाद भी विभाग द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अमान्य स्कूलों की जांच जुबिली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ने की थी। यह जिम्मेदारी जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने सौंपी थी। इसके तहत प्रधानाचार्य ने इन स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण किया था। जिसके बाद अमान्य स्कूलों की रिपोर्ट डीआइओएस को सौंप दी गई।
जांच के दौरान किया विरोध: पलहेंदा स्थित एसआरएलआरएस पब्लिक एकेडमी में जांच अधिकारियों को विरोध भी सहना पड़ा। स्कूल प्रबंधक ने स्वयं ही मान्यता न होने की बात स्वीकार की।
चल रहा था फर्जीवाड़ा: सरोजिनी नगर के मवई स्थित एपी मुंशी पब्लिक इंटर कॉलेज की मान्यता कक्षा पांच तक है। जांच में पाया गया कि स्कूल में 12 तक की कक्षाएं संचालित की जा रहीं थीं। बिना मान्यता चल रहा था कॉलेज: काकोरी के दशहरी स्थित बिटाना देवी इंटर कॉलेज बिना मान्यता के चलाया जा रहा था। जांच अधिकारियों ने पाया कि यहां एक से पांच तक की कक्षाएं संचालित हो रहीं थीं।
पता कहीं का, स्कूल कहीं और: जांच अधिकारियों को बेहटा के लार्ड बुद्धा इंग्लिश स्कूल की हकीकत भी देखने को मिली। स्कूल राजाजीपुरम के पते पर दर्शाया गया है। जबकि वास्तविकता में यह स्कूल राजाजीपुरम से करीब 15 किलोमीटर दूर है।
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क्या कहते हैं अधिकारी: लखनऊ के डीआइओएस डॉ. मुकेश सिंह कहते हैं, जो भी सामने आ रहे हैं उन पर कार्रवाई होगी। टीम गठित की जा रही है। अमान्य स्कूलों को तत्काल बंद करने का कहा गया है। जो संचालन बंद नहीं करेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
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