निजीकरणः कुछ अस्पतालों की सेवाएं जल्द निजी हाथों में होगी
उत्तर प्रदेश सरकार लखीमपुर के दो और सीतापुर के एक ब्लाक की स्वास्थ्य सेवाएं निजी संस्था को सौंपने के लिए आरएफक्यू को मंजूरी प्रदान कर दी है।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश सरकार कुछ सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा सुविधाएं निजी हाथों में सौंपने की दिशा में आगे बढ़ गयी है। लखीमपुर के दो और सीतापुर के एक ब्लाक की स्वास्थ्य सेवाएं निजी संस्था को सौंपने के लिए जरूरी रिक्वेस्ट फार क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) को मंजूरी प्रदान कर दी गयी है।प्रदेश सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सीतापुर के महमूदाबाद और लखीमपुर के फरधान व नकहा ब्लाक में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों की चिकित्सा सुविधा निजी हाथों में सौंपने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसे दो माह पूर्व कैबिनेट ने मंजूरी दी गई थी। अगले कदम के रूप में मंगलवार को कैबिनेट के सामने आरएफक्यू रखा गया, जिसे मंजूरी मिल गई। अब सरकार इन अस्पतालों की चिकित्सा सुविधा के लिए निजी कंपनियों से टेंडर मांगने की प्रक्रिया शुरू करेगी और जल्द ही तीनों ब्लाकों के स्वास्थ्य सेवाएं निजी हाथों में सौंपी जा सकती हैं।
लोहिया में 200 बिस्तर का मातृ-शिशु इकाई
कैबिनेट ने डॉ.राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट के आधीन दो सौ बिस्तरों की मातृ एवं शिशु रोग इकाई संचालित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह सुविधा शुरू होने से लखनऊ के गोमतीपार इलाके के अलावा बाराबंकी, सीतापुर के नागरिकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। मातृ-शिशु इकाई के लिए लोहिया इंस्टीट्यूट परिसर के पास ही भवन का निर्माण का कार्य चल रहा है।
बरेली में अस्पताल के उच्चीकरण को मंजूरी
कैबिनेट ने बरेली में 300 बेड वाले मंडलीय चिकित्सालय के भवन निर्माण में फॉल्स सीलिंग तथा मॉड्यूलर ओटी के निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी है। राजकीय निर्माण निगम को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। भवन की पुनरीक्षित निर्माण लागत 7250.66 लाख रुपये होगी।
तीन अस्पताल ध्वस्त करने को मंजूरी
कैबिनेट ने प्रतापगढ़, उन्नाव और लखनऊ के आधा दर्जन अस्पतालों के जर्जर भवन को ध्वस्त कर उनके स्थान पर पीएचसी, सीएचसी के नए भवन बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है।
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