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    उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों के आंदोलन का दम अब हुआ कम

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sat, 19 Sep 2015 09:16 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आश्वासन के बाद शिक्षामित्रों का आंदोलन आज कुछ कमजोर पड़ने लगा है। प्रदेश में शिक्षामित्रों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया। एक-दो जिलों में उग्र आंदोलन जारी रहा। वाराणसी में हड़ताल खत्म कर शिक्षा मित्र काम पर वापस आ गए।

    लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आश्वासन के बाद शिक्षामित्रों का आंदोलन आज कुछ कमजोर पड़ने लगा है। प्रदेश में शिक्षामित्रों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया। एक-दो जिलों में उग्र आंदोलन जारी रहा। वाराणसी में हड़ताल खत्म कर शिक्षा मित्र काम पर वापस आ गए।

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    शुक्रवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद शिक्षा मित्रों के दल को मिले सकारात्मक आश्वासन के बाद शनिवार को हड़ताल खत्म करते हुए वे काम पर वापस आ गए। इस दौरान कई स्कूलों में उन्होंने क्लास भी ली तो अधिकांश जगहों पर सिर्फ हस्ताक्षर कर उपस्थिति दर्ज कराई। शिक्षामित्र बांह पर काली पट्टी बांधकर स्कूलों में डटे रहे। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन सामान्य हो जाएगा। हालांकि संगठन की ओर से दावा किया गया है कि स्थिति स्पष्ट होने तक उनका विरोध जारी रहेगा और वह कक्षाएं नहीं लेंगे।

    आगरा के शिक्षामित्रों ने ताजनगरी आए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करने का प्रयास किया। दिन में डायट पर धरना प्रदर्शन किया, मगर उनकी भेंट नहीं हो सकी। मथुरा में शिक्षामित्र स्कूल गए, लेकिन शिक्षण कार्य नहीं किया। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह मथुरा आ रहे हैं। आंदोलनकारी शिक्षामित्रों का प्रयास है कि उनसे मुलाकात हो जाए। फीरोजाबाद और मैनपुरी में शांत प्रदर्शन जारी रहा। हालांकि शिक्षामित्रों ने सोमवार से विधिवत शिक्षण का ऐलान किया है। एटा में धरना-प्रदर्शन आधिकारिक रूप से समाप्त कर दिया गया। गोरखपुर में भी आंदोलन करीब करीब ठप रहा। महराजगंज जिले में शिक्षामित्र काली पट्टी बांधकर स्कूलों पर डटे रहे। गोरखपुर और बस्ती जिले में शाम के समय कैंडिल मार्च निकाल कर बैठक की और सरकार से गुहार लगाई।

    मुरादाबाद और रामपुर में शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए ताला डाल दिया। सिटी मजिस्ट्रेट ने समझाकर ताला खुलवाया, लेकिन प्रदर्शन जारी रहा। सम्भल में काली पट्टी बांधकर स्कूल गए, लेकिन शिक्षण कार्य नहीं किया। बरेली में बीएसए दफ्तर पर हंगामा कर समायोजन बहाली की मांग की। शिक्षामित्रों ने कहा कि अभी शासन ने वेतन नहीं रोका है तो फिर भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा। इसके अलावा गांधी उद्यान में शिक्षामित्रों का अनशन जारी है। बरेली, मेरठ, सहारनपुर और अलीगढ़ मंडल में भी धरना दिया।