तख्तापलटः नए साल की नई सुबह पर सपा ने रचा नया इतिहास
नए साल की सुबह नया इतिहास रचने के बाद समाजवादी पार्टी अधिवेशन खत्म हो गया। अधिवेशन में पारित तीन प्रस्ताव अभूतपूर्व रहे।
लखनऊ (जेएनएन)। नए साल की सुबह नया इतिहास रचने के बाद समाजवादी पार्टी अधिवेशन खत्म हो गया। अधिवेशन में पारित तीन प्रस्ताव अभूतपूर्व रहे। सपा प्रतिनिधि अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव को अध्यक्ष पद से हटाकर उनके पुत्र व अखिलेश यादव को सपा का अध्यक्ष बनाया गया। शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद व अमर सिंह को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया।
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प्रस्ताव एक-अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाता है। अखिलेश को अधिकार दिया गया है कि वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और अन्य सभी संगठनों का अपनी आवश्यकता, जरूरत के मुताबिक गठन करें। इस प्रस्ताव की सूचना चुनाव आयोग को समय से भेज दी जाएगी।
प्रस्ताव दो- मुलायम सिंह यादव को समाजवादी पार्टी को यहां तक पहुंचाने में बहुत संघर्ष किया है। उन्हें सर्वोच्च रहनुमा माना जाए। मार्गदर्शक व संरक्षक समझा जाए।
प्रस्ताव तीन- शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया है। सांसद अमर सिंह को समाजवादी पार्टी से बाहर निकाल दिया गया है।
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अखिलेशः नेताजी का हमेशा सम्मान अखिलेश यादव ने कहा कि मैं नेताजी का जितना सम्मान पहले करता था। राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर उससे ज्यादा सम्मान करूंगा। नेताजी का जो स्थान है, वह सबसे बड़ा है। मैं नेताजी का बेटा हूं और रहूंगा। यह रिश्ता कोई खत्म नहीं कर सकता। परिवार के लोगों को बचाना पड़ेगा तो वह कार्य भी करूंगा।
रामगोपालः बैठक बगैर टिकट बांटे
प्रो.राम गोपाल यादव ने कहा कि पार्टी के दो व्यक्तियों ने साजिश करके अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया। इसके बाद सब आपके सामने है। यहां मौजूद लोगों में से बहुतों को निष्कासित कर दिया गया। संसदीय बोर्ड की बैठक के बगैर टिकट बांट दिये, ये लोग नहीं चाहते कि अखिलेश फिर सीएम बने।
मुलायमः प्रतिनिधि अधिवेशन अवैध
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि यह अधिवेशन अवैध है। पार्टी संविधान के विरुद्ध है। अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, संसदीय बोर्ड ने राम गोपाल के निष्कासन पर मंजूरी की मुहर लगाई है।
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अनुत्तरित सवाल
- अधिवेशन के लिए रामगोपाल और अन्य को पार्टी से निष्कासित किया गया तो अखिलेश को क्यों नहीं?
- क्या मुलायम अब भी बेटे को अपने पाले में कर लेने की संभावना देखते हैं?
- अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन वापसी की तरह, क्या फिर वैसा करने को मजबूर होंगे?
- क्या पार्टी औपचारिक तौर पर टूट जाएगी? पार्टी टूटने पर चुनाव चिह्न साइकिल पर कब्जा किसका?
- चुनाव आयोग अखिलेश, मुलायम में से किसका दावा मानेगा?
- क्या साइकिल चिह्न जब्त हो जाएगा और दोनों गुट अलग-अलग निशान पर लड़ेंगे?
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