तारीख के पलटते पन्नों में बिकराल होती सहारनपुर की हिंसा
शब्बीरपुर जातीय हिंसा आसपास के गांवों तक फैल चुकी है। तारीख के पलटते पन्नों में सहारनपुर की हिंसा का रूप दिनोदिन बिकराल होता जा रहा है।
लखनऊ (जेएनएन)। सहारनपुर के शब्बीरपुर पनपी जातीय हिंसा का सिलसिला बढ़कर आसपास के गांवों तक फैल चुका है। ताजा हिंसा को भाजपा नेता बसपा प्रमुख मायावती की देन बता रहे हैं। सीएम योगी ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं भड़काऊ भाषण से बचने और जनता से उस पर ध्यान न देने की हिदायत दी है। तारीख के पलटते पन्नों में सहारनपुर की हिंसा का रूप दिनोदिन बिकराल होता जा रहा है।
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- पांच मई: हिंसा की शुरुआत पांच मई को गांव शब्बीरपुर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जा रहे राजपूतों और दलितों में भिड़ंत से हुई। इसमें एक ठाकुर पक्ष के युवक सुमित की मौत हो गयी। प्रतिशोध में ठाकुरों ने 55 दलितों के घर फूंक दिए। इस मामले में नौ मुकदमे लिख कर पुलिस ने 17 लोग गिरफ्तार किये।
- 9 मई : शब्बीरपुर के पीडि़त दलितों को मुआवजा दिलाने और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर भीम आर्मी से जुड़े दलितों ने सहारनपुर में धरना-प्रदर्शन किया। पुलिस के इन्हें धरनास्थल से खदेडऩे के बाद कई जगह जमकर उपद्रव हुआ। दो पुलिस चौकियों में आगजनी व फायरिंग। कई वाहन फूंके। 24 मुकदमे दर्ज कर 30 लोग गिरफ्तार।
- 23 मई : शब्बीरपुर में ठाकुरों के घरों व बिटौड़ों में आगजनी और पथराव के बाद कई स्थानों पर जमकर हिंसा। 25 लोग गिरफ्तार किए गए।
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