दलित वोटबैंक के लिए संघ के लोग नकली भिक्षु बने : मायावती
भाजपा ने दलित वोटबैंक को लुभाने के लिए प्रायोजित यात्रा निकलवाई। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ द्वारा अपने कुछ लोगों को नकली भिक्षु बनाकर उनको सम्मानित किया गया।

लखनऊ (जेएनएन)। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर पलटवार करते हुए धम्म चेतना यात्रा को बुरी तरह फ्लाप बताते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ने दलित वोटबैंक को लुभाने के लिए प्रायोजित यात्रा निकलवाई। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ द्वारा अपने कुछ लोगों को नकली भिक्षु बनाकर उनको सम्मानित किया गया।
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बताते चलें कि कल कानपुर में भाजपा की धम्म चेतना यात्रा के समापन समारोह में अमित शाह द्वारा मायावती पर लगाए गए आरोपों से तिलमिलाई बसपा मुखिया ने विज्ञप्ति जारी कर पलटवार किया। समापन समारोह में भिक्षुओं व दलितों को नकली करार देते हुए आरोप लगाया कि इस प्रायोजित धम्म यात्रा का मकसद केवल राजनीतिक लाभ लेना ही है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भाषण से भी चुनावी लाभ लेने का प्रयास नजर आता है। इसी कारण यात्रा आरम्भ से विवादित बनी रही थी।
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मायावती ने अमित शाह ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। दशहरा पर्व पर लखनऊ में रामलीला में मोदी के शामिल होने को धर्म की आड़ में राजनीति करना बताया। उनका कहना है कि भाजपा इसके जरिये प्रदेश में अपनी खस्ता हालत को सुधार लेना चाहती है। उन्होंने वर्ष 1956 में 14 अक्टूबर को डॉ. अंबेडकर द्वारा लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकारने की घटना का भी हवाला दिया। आरोप लगाया कि अंबेडकर द्वारा धर्म परिर्वतन कर लेने के मुख्य कारण आज भी मौजूद है। खासकर नरेंद्र मोदी के शासनकाल में जातिवादी मानसिकता के दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं।
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दलितों का आरक्षण समाप्त करने का कुचक्र भी मोदी राज में किया जाता रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की तरह भाजपा नेताओं ने भी दलितों के घरों में भोजन कर लेने से सामाजिक उत्पीडऩ खत्म होना मान लिया। गौरक्षा की आड़ में पहले मुस्लिमों बौर अब दलितों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। मायावती ने प्रधानमंत्री पर झूठे चुनावी वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा को स्वाभिमानी दलित नेतृत्व बहुत खटक रहा है क्योंकि उनको केवल गुलाम मानसिकता वाले दलित नेता ही चाहिए।

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