आजम की जिद, दंगे की जांच करे उच्च स्तरीय आयोग
लखनऊ। रामपुर में गाधी जयंती के अवसर पर गाधी समाधि पर झडा फहराते हुए कैबिनेट मंत्री आ
लखनऊ। सूबे के कद्दावर मंत्री आजम खां ने फिर अपनी ही सरकार के लिए मुश्किल बढ़ा दी है। मुजफ्फरनगर दंगे की जांच के लिए उच्च स्तरीय आयोग बनाने की जिद करके आजम ने साफ कर दिया है कि अबतक हुई कार्रवाई और जांच कमेटी से वह संतुष्ट नहीं हैं। वह चाहते हैं कि दंगा भड़काने वाले और इसे रोकने में नाकाम अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
रामपुर में गाधी जयंती पर एक समारोह में पहुंचे आजम खा मुजफ्फरनगर के दंगे को लेकर काफी आहत नजर आए। उन्होंने कहा कि हमारी बार-बार यह जिद है कि इस पर उच्च स्तरीय आयोग बनना चाहिए। उन तमाम पहलुओं की जाच होना चाहिए कि दंगाइयों के अलावा राजनैतिक और प्रशासनिक स्तर पर कौन लोग हैं, जिन्होने इस तरह के दंगे भड़काने में सहयोग किया है और किन लोगों ने इसे रोकने में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है।
आजम ने कहा कि इस वक्त जो माहौल है, उससे लगता है कि बापू की विचारधारा पर शायद विचार होना खत्म हो गया है। लोगों ने कानून को हाथ में ले लिया है। वे संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर करना चाहते हैं और अपने फैसले को भीड़ के जरिये मनवाना चाहते हैं। ऐसे लोग, जो अपने हाथ में लाठी लेकर न्याय देना चाहते हैं, उनके हाथ तोड़ देने चाहिए।
सूबे में कानून व्यवस्था को लेकर आजम अफसरों पर जमकर बरसे। मुजफ्फरनगर में दंगे को प्रशासन की विफलता करार दिया। कहा, बहुत बड़े बड़े अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी को पूरा नहीं किया। जो अफसर भीड़ से डर जाए, किसी कमरे में छिप जाए उसे अधिकारी कहलाने का तो अधिकार है ही नहीं, खुली फिजा में रहने का अधिकार भी नहीं होना चाहिए। आजम ने कहा कि इधर देखा गया है कि कानून लागू करने वालों ने ही कानून तोड़ दिया है। पता नहीं हमारी राय कब मानी जाएगी कि जिन पर कानून लागू करने की जिम्मेदारी है, अगर वे नेता या अधिकारी होकर जिम्मेदारी पूरा नहीं करते हैं, तो जो बर्ताव एक दंगाई के साथ होना चाहिए, उसी कानून का अमल उनके साथ भी होना चाहिए। जिस दिन भी कानून इतना कड़ा हो जाएगा, हम गुनहगारों को माफ नहीं करेंगे तो आप देखेंगे कानून का राज कायम होगा।
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मुझे सुरक्षा कर्मियों से बेहद लगाव: कैबिनेट मंत्री आजम खा ने कहा कि उन्हे अपने सुरक्षा कर्मियों से बेहद लगाव है। उनकी सुरक्षा में सभी धर्म, जाति व वर्ग के कर्मचारी लगे हैं। सुरक्षाकर्मियों से खतरे की बात गलत है। उन्होंने रामपुर में प्रेस को जारी बयान में सफाई देते हुए कहा- कुछ चैनलों पर यह प्रसारित किया जा रहा है कि उन्हें अपने ही सुरक्षाकर्मियों से खतरा है और चार सुरक्षा कर्मियों को हटा दिया गया है। यह खबर तथ्यहीन और अफवाह है। इस तरह की अफवाह प्रसारित करना संकीर्ण मानसिकता रखने वाले लोगों का दुष्प्रयास है।
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