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    बुलंदशहर में लापरवाही ने ली डाल्फिन की जान

    By Edited By:
    Updated: Fri, 27 Jun 2014 08:37 PM (IST)

    लखनऊ। बुलंदशहर में गंगा की डाउन स्ट्रीम से अपस्ट्रीम में ट्रांसलोकेट करने के दौरान नरौरा में

    लखनऊ। बुलंदशहर में गंगा की डाउन स्ट्रीम से अपस्ट्रीम में ट्रांसलोकेट करने के दौरान नरौरा में आज बचाव दल की लापरवाही से अति संरक्षित जलीय जीव मादा डाल्फिन की मौत हो गई। मीडिया ने इस लापरवाही को कैमरे में कैद करने की कोशिश की तो डब्ल्यूडब्ल्यूएफ का एक अधिकारी भड़क उठा। न केवल बदसलूकी की, बल्कि कैमरे छीनकर गंगा में फेंकने की कोशिश भी की। हंगामे के बीच शव का वन चेतना केन्द्र में चिकित्सक दल ने पोस्टमार्टम किया।

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    विगत वर्ष गंगा में आई हाई डेंजर बाढ़ के दौरान कई डॉल्फिन नरौरा गंगा बैराज की डाउन स्ट्रीम में चली गई थीं। इससे उनका जीवन खतरे में पड़ गया। वाइल्ड लाइफ से अनुमति मिलने के बाद शुक्रवार को डॉल्फिनों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए विश्व प्रकृति निधि भारत द्वारा वन विभाग के सहयोग से अभियान चलाया गया। इस दौरान गंगा की डाउन स्ट्रीम से दो डॉल्फिनों को सुरक्षित गंगा की अपस्ट्रीम में ट्रांसलोकेट कर दिया गया, लेकिन डॉल्फिन की सुरक्षा एवं संरक्षा का ढिंढौरा पीटने वाले विश्व प्रकृति निधि भारत की लापरवाही के चलते ट्रांसलोकेशन के दौरान एक डॉल्फिन की मौत हो गई। ट्रासलोकेशन की प्रक्रिया के दौरान डीएफओ अनुज सक्सैना, डॉ. संदीप बहरा, डब्लूडब्लूएफ के नरौरा प्रोजेक्ट इचार्ज असगर अली नबाव आदि मौजूद रहे। ट्रांसलोकेट अभियान के दौरान हुई मादा डाल्फिन का पोस्टमार्टम नरौरा के वन चेतना केन्द्र में पशु चिकित्सधिकारी डा. अभय गुप्ता , डा राजपाल सिंह, डा मनोज कुमार की टीम ने किया। डा. अभय गुप्ता ने बताया कि मृत मादा डाल्फिन की उम्र लगभग तीन वर्ष एवं लम्बाई साढ़े तीन फुट है। प्रथम दृष्टया मौत का कारण शॉक लगना प्रतीत होता है। वहीं वन क्षेत्राधिकारी कमल किशोर ने बताया कि ट्रांसलोकेट के दौरान अस्पष्ट कारणों से मादा डाल्फिन की मौत हुई है।