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    टिकट को समाजवादी पार्टी में लेकर फिर छिड़ सकता 'महासंग्राम'

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 06 Dec 2016 06:14 PM (IST)

    मुलायम सिंह ने परिवार का महासंग्राम थामने का जब भी प्रयास किया, टिकट बंटवारे में अधिकार का मुद्दा उठा।अखिलेश ने उसी समय कहा था, इम्तहान मेरा है, टिकट ...और पढ़ें

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    लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश की सत्ता पर काबिज समाजवादी परिवार में कुछ दिनों से थमा 'महासंग्राम 'टिकट बंटवारे पर फिर मुखर हो सकता है। इससे नये दावेदारों, विधायकों और कुछ मंत्रियों में भी सियासी भविष्य को लेकर बेचैनी फैल रही है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने परिवार का महासंग्राम थामने का जब भी प्रयास किया, टिकट बंटवारे में अधिकार का मुद्दा उठा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उसी समय कहा था कि 'इम्तहान मेरा है, टिकट बंटवारे का अधिकार भी मुझे चाहिए'। वह यहां तक कह गये थे कि 'नेताजी (मुलायम सिंह यादव) चाहें तो सब कुछ ले लें मगर टिकट बांटने का हक नहीं लें'।

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    शिवपाल की घुड़की : कट सकते हैं 40 से ज्यादा विधायक-मंत्री के टिकट

    शीर्ष नेतृत्व ने इसे समझा और टिकट बंटवारे में अखिलेश यादव को वरीयता का संकेत दिया। सूत्रों का कहना है कि मुलायम ने प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को अखिलेश यादव से राय-सलाह कर टिकट बांटने का इशारा किया था, जिसके बाद शिवपाल ने सबसे चर्चा कर टिकट बांटे जाने की बात कई बार दोहराई। मगर, सोमवार को शिवपाल ने कहा कि 165 टिकट फाइनल कर दिये हैं। मौजूदा विधायकों के बारे में विचार चल रहा है। हर विधानसभा की अपनी समस्याएं होती है। उन्हें पूरा न कर पाने पर लोग नाराज होते हैं। मौजूदा विधायकों, मंत्रियों के क्षेत्रों में सर्वे चल रहा है। इसी आधार पर टिकटों का वितरण होगा, जिताऊ-टिकाऊ को ही टिकट मिलेगा। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में शिवपाल यादव की इन बातों में ढेरों विधायकों के टिकट कटने का संकेत था। 40 विधायकों के टिकट कटने की चर्चा पार्टी में लंबे समय से है।

    सपा के टिकट बंटवारे में अंतिम भूमिका मेरी होगी : रामगोपाल यादव

    शिवपाल ने सोमवार को इसी ओर इशारा किया। इससे इतर यह भी आम चर्चा है कि कई विधायक दूसरे दलों के संपर्क में हैं। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद वे दूसरे दलों का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इन परिस्थितियों में उन विधायकों में ज्यादा बेचैनी है, जिन्हें संगठन, शीर्ष नेतृत्व से ज्यादा एक राष्ट्रीय महासचिव करीबी कहा जाता है। संभवत: इन्ही परिस्थितियों को भांपकर प्रो. राम गोपाल यादव ने सोमवार को इटावा में दो टूक कहा कि विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में उनकी अहम भूमिका होगी। टिकट पर फैसला संसदीय बोर्ड करता है, जिस पर अंतिम मुहर उन्हींसपा के टिकट बंटवारे में अंतिम भूमिका मेरी होगी : रामगोपाल यादव की लगेगी। इस बयान ने कुछ दावेदारों को जहां खुश किया है, वहीं तमाम लोगों को बेचैन भी किया है।

    मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा, हमारा प्रत्याशी हार रहा है उसे जिता देना

    सूत्रों का कहना है अखिलेश-शिवपा के बीच मतभेद 'बाहरी' दखल से गहराया और फायदा उन्होंने उठाया जिनका 'बाहरी' लोगों से छत्तीस का आकड़ा था। सूत्रों का कहना है कि अब जो परिस्थितियां दरपेश है कि उसमें अगर मुलायम सिंह यादव ने समय रहते दखल नहीं दिया तो ठंडा हो गया महासंग्राम फिर शुरू होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।