Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नोटबंदीः जो नोट नष्ट करने थे, आरबीआइ ने बैंकों को थमा दिए

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Fri, 02 Dec 2016 06:36 PM (IST)

    बैंकों की भुगतान की मांग को पूरा करने के लिए आरबीआइ ने कई बैंकों को वे नोट भेज दिए हैं, जो जलाने के लिए रखे गए थे।

    कानपुर (जेएनएन)। आरबीआइ गवर्नर का दावा कुछ भी हो, लेकिन हकीकत में जनता नकदी संकट से जूझ रही है। यह संकट आरबीआइ को भी है। बैंकों की भुगतान की मांग को पूरा करने के लिए आरबीआइ ने विभिन्न बैंकों को वे नोट भेज दिए, जो नष्ट करने के लिए रखे गए थे। क्लीन नोट पॉलिसी के तहत बाजार से हटा लिए गए इन नोटों को फिर से बैंकों को वापस कर दिया गया है और कहा जा रहा है कि वह इसी का भुगतान करें। इसमें दस-दस रुपये के नोटों की गड्डी अधिक है और इनमें से कई नोट सड़ और गल चुके हैं। इसके अलावा इन गड्डियों में पांच-पांच के नोट भी हैं। ऐसी गड्डियों में नोटों की संख्या कम होने की भी शिकायत आ रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नोटबंदी आजाद भारत में अब तक सबसे बड़ा घोटालाः अरविंद केजरीवाल

    वर्ष 2005 से क्लीन नोट पॉलिसी के तहत बाजार से उन नोटों को वापस लिया जा रहा था, जो खराब हो चुके हैं। आरबीआइ ने बीते चार दिनों में करेंसी की मांग को पूरा करने के लिए बैंक अॉफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक, बैंक अॉफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक समेत करीब बीस बैंकों को दस-दस रुपये की गड्डियां दी हैं। इन बैंकों ने काफी समय पहले इन नोटों को रेमीटेंस (नष्ट करने योग्य) के लिए आरबीआइ को भेज दिया था। उदाहरण के लिए पंजाब नेशनल बैंक को करीब दस करोड़ रुपये दिए गए हैं। ऐसे ही भारतीय स्टेट बैंक को ऐसे 3000 बंडल (तीन करोड़ ) देने के लिए बुलाया गया है। बैंक अॉफ बड़ौदा को भी इसी के तहत नोट दिए गए हैं।

    तस्वीरों में देखें-लखनऊ ने देखा मेट्रो का ट्रायल रन

    मशीनें नहीं गिन पा रही नोट

    हर ब्रांच में नोट काउंटिंग मशीन लगी हैं, लेकिन पुराने नोट निकलने के कारण वह हांफ सी गई हैं। कई ब्रांच में नोट गिनने वाली मशीन नोटों पर लगी धूल के कारण जल्दी रुक रही हैं। बैंक कर्मियों का आधा समय नोट गिनने में ही जा रहा है।

    मेट्रो रन ट्रायल में चालक इलाहाबाद की प्रतिभा और मीरजापुर की प्राची

    नोट कम होने की शिकायत

    पंजाब नेशनल बैंक की जवाहर नगर शाखा से पैसे निकालने गए प्रदीप कुमार को दो हजार रुपये का भुगतान दस-दस की दो गड्डी से किया गया। दोनों गड्डियों में कुल 40 रुपये कम थे। दोनों गड्डी में पांच-पांच के दो-दो नोट मिले और दस-दस का एक नोट कम था। मंडल प्रमुख एसके सिंह का कहना है कि नोट गिनने में गलती की संभावना शून्य है, क्योंकि मशीनों से नोट गिनकर पैकेट बनते हैं। हालांकि यह भी सही है कि इतने कम रुपये के लिए व्यक्ति झूठ नहीं बोलेगा। कर्मचारियों को निर्देश दिया जा रहा है कि वे ध्यान से नोट दें।

    comedy show banner
    comedy show banner