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    उत्तर प्रदेश में जिले-जिले गूंजने लगा राहुल गांधी का संदेश

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sat, 15 Oct 2016 11:06 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी का सपना लिए कांग्रेस ने आज प्रदेश के 74 जिलों में एक साथ राहुल संदेश यात्रा की शुरुआत की। यात्रा 27 अक्टूबर तक चलेगी।

    लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी का सपना लिए कांग्रेस ने आज प्रदेश के 74 जिलों में एक साथ राहुल संदेश यात्रा की शुरुआत की। यह यात्रा राहुल गांधी का संदेश लेकर गांव-गांव जाएगी। वहां की सभाओं में महंगाई पर निशाना साधने के साथ किसानों से कर्जमाफी का वादा किया जाएगा। यात्रा 27 अक्टूबर तक चलेगी।

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    दरअसल राहुल की किसान यात्रा के बाद कांग्रेस ने ग्राम पंचायत स्तर तक इस यात्रा के संदेश को पहुंचाने का फैसला किया है। आज 74 जिलों में राहुल संदेश यात्रा शुरू हो गई। पूरे प्रदेश के हर जिले में यह यात्रा राहुल गांधी द्वारा किसान यात्रा में उठाए गए मुद्दों को विस्तार से जनता के सामने रखेगी। इस दौरान सभी जिलों में अखिल भारतीय कांग्र्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक, जिलों के प्रभारी प्रदेश उपाध्यक्ष व महामंत्री सहित स्थानीय नेता इन यात्राओं का नेतृत्व करेंगे। हर विधानसभा क्षेत्र स्तर की बड़ी सभा के साथ ब्लाक व न्याय पंचायत स्तर पर सभाएं होंगी। बहराइच में रविवार को शुरू होगी।

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    राजधानी लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय में कांग्रेस सचिव अनिवाश पांडेय व प्रदेश की कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद तिवारी ने औपचारिक रूप से राहुल संदेश यात्रा की शुरुआत की। अविनाश पांडेय ने कहा कि राहुल संदेश यात्रा के माध्यम से पूरे प्रदेश में केंद्र व प्रदेश सरकार की किसान विरोधी एवं जनविरोधी नीतियों को उजागर किया जायेगा। आम जनता को बताया जायेगा कि 27 सालों में गैरकांग्र्रेसी सरकारों के कुशासन में प्रदेश गर्त में चला गया है।

    तस्वीरों में देखें-उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की किसान यात्रा

    प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल संदेश यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी द्वारा किसान यात्रा के दौरान विशेष रूप से किसानों सहित आम जनता की समस्याएं उठाई जाएंगी। यूपी के किसानों पर 50,000 करोड़ का कर्ज, दो सालों में बिजली बिल में 50 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि, मोदी सरकार द्वारा तीन साल में धान व गेहूं के समर्थन मूल्य में चार-पांच फीसद वृद्धि के साथ दालों में हुई महंगाई और मनरेगा बजट में कमी के मुद्दे उठाए जाएंगे।