शाही परिवार से ताज देखने वाली पहली सदस्य थीं क्वीन मेरी
ब्रिटेन की शाही दंपति प्रिंस विलियम और केट मिडलटन कल आगरा में ताज देखने आ रहे हैं। इससे पूर्व उनकी मां प्रिंसेज डायना और दादी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय भी ताज निहार चुके हैं, मगर ब्रिटिश शाही परिवार से ताज देखने वाली पहली शख्सियत क्वीन मेरी थीं।
लखनऊ। ब्रिटेन की शाही दंपति प्रिंस विलियम और केट मिडलटन कल आगरा में ताज देखने आ रहे हैं। इससे पूर्व उनकी मां प्रिंसेज डायना और दादी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय भी ताज निहार चुके हैं, मगर ब्रिटिश शाही परिवार से ताज देखने वाली पहली शख्सियत क्वीन मेरी थीं।
क्वीन मेरी वर्ष 1911 में भारत दौरे पर आईं थीं। उन्होंने ताज के साथ अकबर की राजधानी रही फतेहपुर सीकरी भी देखी थी।1911 में दिल्ली दरबार में भाग लेने किंग जॉर्ज पंचम, क्वीन मेरी के साथ भारत आए थे। तब उन्होंने 19 दिसंबर, 1911 को ताज देखा था। महारानी ताज देखने के बाद आराम कर सकें, इसके लिए शाहजहां गार्डन में फूस की कोठी बनाई गई थी। महारानी आगरा में रुकने के बाद लखनऊ के समीप स्थित जैदपुर गई थीं। वहां तक की यात्रा उन्होंने रेल, मोटर कार और हाथी पर की थी। महारानी के आराम करने को बनवाई गई फूस की कोठी आज भी है और इसमें उपनिदेशक उद्यान का कार्यालय बना हुआ है। महारानी के भोजन के लिए तब चांदी की कटलरी मंगाई गई थी। महारानी के आगरा दौरे पर सम्मान में शहर के प्रतिष्ठित जोंस परिवार ने उनके नाम पर क्वीन मेरी एंप्रेस लाइब्रेरी बनवाई थी। सदर बाजार में यह लाइब्रेरी आज भी है। ताज महोत्सव में बीते दिनों यहां कार्यक्रम भी हुए थे। अप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शमसुद्दीन बताते हैं कि शहर में महारानी से जुड़े कई स्थल हैं।
यह कटलरी है खास
सर्किट हाउस के हाल में एक शोकेस में ब्रिटिश कालीन कटलरी रखी हुई है, जो बहुत खास है। महारानी मेरी के लिए इसे मंगवाया गया था। यह चांदी की बनी है। इसमें अब चाकू, छुरी ही बचे हैं।
शाही परिवार से इन्होंने देखा ताज
-क्वीन मेरी, वर्ष 1911, क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय, वर्ष 1961, प्रिंस चाल्र्स, वर्ष 1980, प्रिंसेज डायना, वर्ष 1992।
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