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    आतंकी खतरे के साये में पूर्वाचल

    By Edited By:
    Updated: Sat, 29 Mar 2014 05:08 PM (IST)

    गोरखपुर(वागीश धर द्विवेदी)। दो पाकिस्तानी आतंकियों की गोरखपुर में गिरफ्तारी आतंकी खतरे को

    गोरखपुर(वागीश धर द्विवेदी)। दो पाकिस्तानी आतंकियों की गोरखपुर में गिरफ्तारी आतंकी खतरे को टालने के लिए पर्याप्त नहीं है। तालिबानी आतंकी संगठन के कैंप से प्रशिक्षित पाकिस्तानी आतंकी का इस हिस्से में लक्ष्य बनाकर आना भविष्य में बड़ी आतंकी वारदात की आशंका को बल प्रदान करता है। शायद इसी वजह से सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों ने पूर्वाचल में खास तौर पर नजरें टिका दी है।

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    गोरखपुर में बुधवार को तालिबानी आतंकी संगठन 'तहरीके तालिबान' के कैंप में प्रशिक्षित दो पाकिस्तानी आतंकियों की गिरफ्तारी से सुरक्षा एजेंसियों को यह एहसास हो गया गया कि अभी भी पूर्वाचल आतंकी खतरे के साये में है। उनके कुछ साथियों के नेपाल में होने का अंदेशा भी जताया जा रहा है।

    वहीं, खुफिया एजेंसियों की बड़ी चिंता तालिबानी कैंप में प्रशिक्षित पाकिस्तानी आतंकियों का पूर्वाचल में आतंकी वारदात के लिए आना है। उनका कहना है कि इससे यह संकेत मिलता है कि अब आइएम व तालिबानी आतंकी संगठन जुड़कर भारत में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि आइएम के खतरनाक आतंकियों की हो रही गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में बैठा आइएम का वर्तमान चीफ रियाज भटकल ही तालिबानी आतंकियों को भारत में तबाही मचाने के लिए अपने से जोड़ रहा है। यह काफी गंभीर सूचना है।

    खुफिया एजेंसियों की चिंता का सबब गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकियों से पूछताछ में मिली सूचनाएं भी है। पता चला है कि आतंकियों को गोरखपुर व आस-पास के किसी जिले से असलहा उपलब्ध कराया गया था। यहा पहुंचने पर उन्हें और असलहे एवं संसाधन मुहैया कराने की योजना था। इसके अलावा उन्हें कहां अटैक करना है, यह आइएम के स्थानीय माड्यूल्स को बताना था। फिलहाल गिरफ्तारी के बाद सभी भूमिगत हो गए हैं, इससे जाहिर होता है कि अभी भी खतरा बरकरार है।

    वहीं दूसरी ओर गिरफ्तार आतंकियों को नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश करने के बाद असलहा तथा बाइक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी लेने वाले आइएम के दो माड्यूल्स पर एटीएस की नजर टिक गई है। दोनों की तलाश के लिए एटीएस की तीन टीमें लगाई गई हैं। एटीएस के सूत्रों के मुताबिक बाइक मुहैया कराने की जिम्मेदारी गोरखपुर के माड्यूल्स के पास थी, जबकि असलहा पास के एक जिले से मुहैया कराई गई थी।