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    नया पैंतरा : उत्तर प्रदेश विजय को मायावती ने मैदान में उतारी भारी भरकम टीम

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Mon, 11 Jul 2016 10:45 AM (IST)

    स्वामी प्रसाद मौर्य की बगावत का असर रविवार को बहुजन समाज पार्टी के कोआर्डिनेटरों की बैठक में नजर आया। मिशन 2017 फतेह के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती का माइक्रो प्लान तैयार

    लखनऊ (राज्य ब्यूरो) । स्वामी प्रसाद मौर्य की बगावत का असर रविवार को बहुजन समाज पार्टी के कोआर्डिनेटरों की बैठक में नजर आया। मिशन 2017 फतेह के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने माइक्रो प्लान तैयार करते हुए छोटी छोटी बैठकों में बड़े पदाधिकारियों की उपस्थिति भी अनिवार्य कर दी है। भाईचारा कमेटियां भंग करके वरिष्ठ नेताओं को अपने अपने समाज को जोडऩे का जिम्मा सौंपा गया है। पिछड़ा वर्ग को जोडऩे के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने नया 'एक्शन प्लान' तैयार किया है। पिछड़ा वर्ग से चार प्रदेश महासचिव तैनात कर उन्हें मंडलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संगठनात्मक ढांचे में बदलाव किया गया है, मंडल कोआर्डिनेटर अब जिलों को संभालेंगे। जिलाध्यक्षों के साथ जिलों में संयोजक तैनात होंगे। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक वरिष्ठ नेता प्रभारी बनाया जाएगा।

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    छोटे भाई का निधन होने के बावजूद बसपा मुखिया ने रविवार को निर्धारित कोआर्डिनेटरों की बैठक को स्थगित नहीं किया और संगठन की समीक्षा की। पार्टी मुख्यालय में आयोजित बैठक में बागी नेताओं के कारण हो रहे नुकसान की सीधे चर्चा भले नहीं हुई लेकिन संगठन से जुड़े फैसले उसी के इर्दगिर्द ही थे। पिछड़ों को जोडऩे के लिए तैयार नए प्लान में आरएस कुशवाहा, प्रतापसिंह बघेल, बिजेंद्र चौहान व सुरेश कश्यप को प्रदेश महासचिव नियुक्त करते हुए उन्हें मंडलवार दायित्व सौंपे गए। जिलों में संगठन को ताकत देने के लिए मंडल कोआर्डिनेटरों को जिलों में लगाया गया है। उनको समन्वय कार्य करने के साथ ही नियमित समीक्षा भी करनी होगी। जिलों में अध्यक्षों का काम हल्का किया गया है। प्रत्येक जिलाध्यक्ष के साथ में अब संयोजक भी होगा। पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता को संयोजक का दायित्व दिया जाएगा।

    ब्राह्मण समाज को जोडऩे का जिम्मा सतीश मिश्रा, रामवीर उपाध्याय, सुबोध पाराशर को सौंपा गया है तो मुस्लिम समाज की जिम्मेदारी नसीमुद्दीन के कंधों पर होगी। ठाकुर समाज को जोडऩे का दायित्व जयवीर सिंह को सौंपा और सर्वसमाज के वरिष्ठ नेताओं से अपने समाज के बीच रहने को कहा गया है।

    लखनऊ व कानपुर अब सिद्धार्थ के हवाले : बसपा प्रमुख ने संगठनात्मक दायित्वों में भी फेरबदल किया। जोनल कोआर्डिनेटर सुनील चितौड़ का कद कम करते हुए उन्हें आगरा और अलीगढ़ मंडल से हटाकर केवल आगरा जिले की ही जिम्मेदारी दी गई है। नसीमुद्दीन सिद्दीकी को कानपुर, लखनऊ से हटाकर आगरा व अलीगढ़ मंडल में सुरक्षित सीटों का जिम्मा सौंपा गया है। सिद्दीकी के पास पश्चिमी उप्र के साथ उत्तराखंड का दायित्व बना रहेगा। वहीं अशोक सिद्धार्थ अब कानपुर, लखनऊ की जिम्मेदारी संभालेंगे। मुरादाबाद का काम देख रहे अतर सिंह राव का कद बढ़ाते हुए उनको मेरठ व अलीगढ़ का जिम्मा सौंप दिया गया है।

    प्रत्याशियों से उगाही न करें : बसपा मुखिया ने कोआर्डिनेटरों का हिदायत दी है कि प्रत्याशियों को अनावश्यक परेशान न करें। उनका कहना था कि जिन प्रत्याशियों की रिपोर्ट सही नहीं आ रही है, उनकी जांच कर बदलाव किया जा सकता है लेकिन अधिकतर क्षेत्रों में यथास्थिति बनी रहेगी।