नौसेना की पहली महिला पायलट शुभांगी है बहुमुखी प्रतिभा की धनी
शुभांगी बचपन से ही बहुत अनुशासित एवं कर्मठ रही हैं। बचपन से ही पिता की तरह नौसेना में जाना चाहती थीं।
शाहजहांपुर (जेएनएन)। तालीमें नहीं दी जाती परिंदों को, वह खुद ही तय करते हैं ऊंचाई आसमानों की। जो रखते हैं हौसला आसमान छूने का, वह परवाह नहीं करते जमीन पे गिर जाने की...। शब्दों में बखान करें तो नौसेना की पहली महिला पायलट बनीं शुभांगी स्वरूप पर यह लाइनें बिल्कुल सटीक हैं। बहुमुखी प्रतिभाग की धनी है तिलहर की यह बेटी। पढ़ाई हो या खेल, संगीत या खान-पान का शौक...। सुनिये, ताऊ की जुबानी जांबाज शुभांगी की कहानी...।
बेटी की उपलब्धि पर शाहजहांपुर के तिलहर में शुभांगी के कुंवरगंज मुहल्ला स्थित घर पर जश्न का माहौल है। बधाई देने वालों का तांता लगा है। घर पर मौजूद ताऊ सत्यस्वरूप गुप्ता बताते हैं- शुभांगी बचपन से ही बहुत अनुशासित एवं कर्मठ रही हैं। बचपन से ही पिता की तरह नौसेना में जाना चाहती थीं। जब अपनी इच्छा मां कल्पना व पिता ज्ञानस्वरूप को बताई तो उन्होंने बेटी की हौंसला अफजाई की। जब वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने नौसेना में महिलाओं को पायलट के तौर पर शामिल करने की मंजूरी दे दी तो शुभांगी के सपनों को पंख ही लग गए। वह पूरी मेहनत से तैयारी में जुट गईं। जल्द ही उनकी मेहनत रंग लाई और उनका चयन नेवी में हो गया, वो भी बतौर पायलट।
पढ़ाई में आगे
ताऊ सत्यस्वरूप कहते हैं, नौकरी के चलते ज्ञानस्वरूप को घर छोडऩा पड़ गया। परिवार साथ में रखा। 22 वर्षीय शुभांगी का जन्म भी विशाखापट्नम में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सेंट ऐनस स्कूल कोलाबा मुंबई में हुई। उसके बाद कक्षा चार से लेकर 12 तक की शिक्षा नेवी चिल्ड्रन स्कूल नेवल बेस कोच्चि में हुई। इंटर में उन्हें 96.7 फीसद अंक प्राप्त हुए थे। उसके बाद वीआइटी वेल्लोर से बॉयोटेक में बीटेक किया।
बेहतरीन खिलाड़ी
सत्यस्वरूप ने बताया-पढ़ाई के साथ साथ शुभांगी की स्पोट््र्स में भी विशेष रुचि है। शुभांगी ने छह वर्ष की उम्र में मुंबई में आल इंडिया कराटे चैंपियनशिप में स्वर्णपदक प्राप्त किया। इसके अलावा नेशनल ताइक्वांडो में स्वर्ण पदक हासिल किया। बैडमिंटन टेनिस, बास्केटबाल की बेहतरीन खिलाड़ी शुभांगी ने इन खेलों में की प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया।
नॉनवेज की शौकीन
एडवेंचर की शौकीन शुभांगी को खाने में नॉनवेज पसंद है। वह शाकाहारी खाना ज्यादा नहीं खाती हैं। शुभांगी हिंदी टीवी सीरियल नहीं देखतीं। उन्हें इंग्लिश मूवी व सीरियल पसंद हैं।
जनवरी में आईं थीं तिलहर
शुभांगी हर साल छुट्टी में तिलहर जरूर आती हैं। इस वर्ष भी वह जनवरी में यहां आईं थीं। कई दिन तक रहीं। उनके भाई शुभम दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं।
संगीत में विशेष रुचि
शिभांगी की संगीत में भी विशेष रुचि है। वह वायलिन, पियानो समेत कई वाद्ययंत्र बजा लेती हैं। वह अपने स्कूल नेवी चिल्ड्रन स्कूल में स्पोट्र्स कप्तान एवं हेड गर्ल रही हैं।
दादा-दादी ने भी देखी परेड
इस गौरवमयी पलों को देखने के लिए शुभांगी के दादा रमेश चंद्र गुप्ता व दादी निर्मला गुप्ता केरल गए थे। वहां पाङ्क्षसग आउट परेड देखने के बाद वापस घर आ रहे रमेश चंद्र गुप्ता ने फोन पर बताया कि बेटी पर गर्व है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।