मैंने तो अखिलेश सरकार को बदनाम होने से बचाया : रामूवालिया
यूपी के कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने कहा कि मुख्तार अंसारी को लखनऊ जेल में लाया जाना रुटीन मामला है, इसमें किसी तरह की और कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि आखिर मुख्तार क
लखनऊ (जेएनएन)। कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने अपनी समाजसेवा की उपलब्धियां बताने के लिए पत्रकार वार्ता बुलायी थी लेकिन बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को आगरा से लखनऊ जेल भेजने का मसला उनके लिए मुश्किल का सबब बन गया। किसके आदेश से मुख्तार की जेल बदली गयी? एडीजी जेल क्यों हटाए गए? जैसे सवाल उछलने लगे। रामूवालिया ने सफाई दी- मुख्तार अंसारी मामले में न शरारत है न कोई साजिश। बस उन्हें एक जेल से दूसरी जेल भेजा है।
दस, कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर कारागार मंत्री ने कहा कि रोज 35 से 40 आदमियों की जेल बदली जाती है। मुख्तार भी एक जेल से निकलकर दूसरी जेल गए। कल किसी और जेल में जाएंगे। कई वजहों से जेल बदली जाती है।
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सवालों से वह लगातार बचने की कोशिश कर रहे थे लेकिन जब उन पर यह दबाव बना कि आखिर किसने जेल बदलने का आदेश दिया तो कहा कि आदेश कोई करे, अगर मैं जेल मंत्री हूं तो सब कुछ हमारे ऊपर ही है। एडीजी कारागार डीएस चौहान के तबादले पर उन्होंने कहा कि चौहान के साथ और भी कई तबादले हुए तो उनकी चर्चा क्यों नहीं हो रही। मुख्तार के पहले बृजेश की जेल बदलने को लेकर सवाल उठे तो रामूवालिया बोले कि यह प्रकरण तो खत्म हो गया। जिस जज्बात से आपको बुलाया वह बात सुनिए।
मैंने तो अखिलेश सरकार को बदनाम होने से बचाया है। कहा कि मुख्यमंत्री मुझ पर भरोसा करते हैं और उन्होंने राजनीति के साथ मुझे समाजसेवा के क्षेत्र में भी काम करने को कहा है। उन्होंने मथुरा के छाता थाना क्षेत्र से आयी महिला कृष्णा को आगे किया और कहा कि इनके दो बेटों को दुष्कर्म के फर्जी मुकदमे में फंसाया गया जिसमें हमने फाइनल रिपोर्ट लगवायी।
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उन्होंने लखनऊ के फिनिक्स माल के निकट एक होटल में तोडफ़ोड़ की घटना का जिक्र किया और सीआरपीएफ के पांच जवानों द्वारा होटल मालिक रविन्द्र सलूजा की पिटाई में अपने द्वारा कराई गयी सख्त कार्रवाई बतायी। ऐसे तीन चार और मामले गिनाते हुए रामूवालिया ने कहा कि मैंने पांच-दस बड़े काम जिंदगी में किए। विदेश में फंसे 46 हजार भारतीयों को वापस लाया। मेरे काम से खुश होकर जार्ज बुश ने मुझे अवार्ड दिया।