Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सत्ता की हनक में यूपी के मंत्री, बागपत के डीएम को दी गाली

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 07 Jun 2016 04:38 PM (IST)

    डा. कुलदीप उज्ज्वल ने जिलाधिकारी के साथ ही सीडीओ व डीपीआरओ को उनकी औकात बताने की धमकी देने के साथ गाली भी दी।

    लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार के मंत्री बेहद बे-अंदाज हैं। बागपत निवासी राज्य मद्य निषेध परिषद के चेयरमैन डा. कुलदीप उज्ज्वल ने जिलाधिकारी के साथ ही सीडीओ व डीपीआरओ को उनकी औकात बताने की धमकी देने के साथ गाली भी दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बागपत के दर्जा प्राप्त मंत्री और विधानसभा प्रत्याशी कुल्दीप उच्च्वल ने एक बार फिर सत्ता की हनक दिखाई है। ग्राम पंचायत सचिव की नियुक्ति उनके मन के हिसाब से न होने से बोखलाएं मंत्री ने सर्वेश पांडेय डीपीआरओ को फोन पर जमकर धमकाया। जब मंत्री डीपीआरओ को फोन पर गालियां दे रहे थे तो डीपीआरओ ने उनके फोन को ऑडियों को रिकार्ड कर लिया।

    कुलदीप उज्जवल ने ग्राम सचिव पद पर दो लोगों की नियुक्ति और ट्रांसफर न होने से गुस्सा होकर पूरे जिले के प्रशासनिक सिस्टम को भ्रष्टाचार में लिप्त बता दिया। इस मामले में उन्होंने डीपीआरओ को फोन करके उन्हें, डीएम और सीडीओ को औकात दिखाने की चेतावनी दे डाली। कुलदीप और डीपीआरओ की बातचीत की रिकार्डिंग वायरल हो गई है।

    राज्य मद्य निषेध परिषद के चेयरमैन और बागपत विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी डॉ कुलदीप उज्ज्वल ने परसों रात में दो बार डीपीआरओ सर्वेश कुमार पांडेय 11 बजे फोन किया था। फोन करके कुलदीप उज्ज्वल ने डीपीआरओ से कहा कि डीपीआरओ साहब! आपने आजतक मेरा असली रूप नहीं देखा...सोमवार को आ रहा हूं कलक्ट्रेट में।

    डीपीआरओ ने सौंपी रिकार्डिग की सीडी

    रिकार्डिंग डीपीआरओ के फोन की है, जिसमें डीपीआरओ व सपा नेता डॉ. कुलदीप उज्जवल के बीच शनिवार को हुई बातचीत के अंश हैं। इस रिकार्डिंग में उज्जवल दो पंचायत सचिवों के स्थानांतरण न करने पर डीपीआरओ को धमकाते हैं। धमकी देते हैं सोमवार को वह कलक्ट्रेट पहुंचकर अधिकारियों का कच्चा चिट्ठा खोलेंगे। बेहद गुस्से में डीएम के लिए जातिसूचक शब्द का प्रयोग करते हैं।

    उज्जवल : हैलो।

    डीपीआरओ : जी मंत्री जी।

    उज्जवल : क्या बात? फोन क्यों काट दिया।

    डीपीआरओ : काटा नहीं था। आपने काट दिया था।

    उज्जवल : ऐसा है डीपीआरओ साहब। मेरा असली रूप नहीं देखा अब तक। जो आपका डीएम है न ये सारी जिंदगी नौकरी करके अब उमर के लास्ट पड़ाव पर डीएम बना है। मैं सोमवार को आ रहा हूं कलक्ट्रेट में। मैं स्टूडेंट लीडर रहा हूं। प्रेसीडेंट रहा हूं। मैं, तुम्हारी, सीडीओ व डीएम तीनों की असलियत बताऊंगा कि तुम कर क्या रहे हो। मेरे पास तुम लोगों का कच्चा चिट्ठा है। मैं समाजवादी पार्टी का कैंडिडेट हूं। मैंने दो लोगों के लिए कहा है केवल। एक मेरे गांव का है और एक के लिए न्याय पंचायत के छह के छह प्रधानों ने मांग की है।

    डीपीआरओ : सर मेरे बस का होता तो कब का कर देते..।

    उज्जवल : अब देखना, ये जो तिवारी है ना डीएम, बता देना कि ये कैसे यमुना का रेत उठवाता है। मेरे पास सबका कच्चा चिट्ठा है। मेरे पास रजिस्टर है। एक आदमी नहीं बच रहा है, जिसका नाम न हो।.. देखना क्या तांडव मचाता हूं। कुलदीप उच्च्वल एक ईमानदारी, एक सच्चाई का नाम है। जो दलाली नहीं करता जो पैसे नहीं लेता। अगर ये ब्राह्मण यहां से भाग नहीं गया तो कुलदीप उच्च्वल नाम बदल देना। (काफी देर बात के बाद).. शर्म नहीं आई। इसको बताता हूं ये क्या करेगा? इसकी औकात बताता हूं।

    डीएम ने कहा, 'ऐ मंत्री'.. कुलदीप भी उबले

    डा. कुलदीप उज्ज्वल कल कलक्ट्रेट में ग्राम प्रधानों व सैकड़ों लोगों के साथ पहुंचे। यहां भी उज्ज्वल व डीएम में नोकझोंक हुई। डीएम ने कुलदीप को 'ऐ मंत्री' का संबोधन किया तो उज्जवल व पिता भड़क गए। कल शाम डीपीआरओ सर्वेश पांडेय ने डीएम को शिकायत पत्र के साथ रिकार्डिंग की सीडी सौंपी।

    कल सुबह 11 बजे डा. कुलदीप उज्जवल कई गांव के प्रधानों व पिता के साथ कलक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार विकास कराना चाहती है और आप लोग ग्राम सचिवों से काम नहीं ले रहे हैं। छह माह बाद भी कार्ययोजना नहीं बनवाई गई। यह बातचीत नोकझोंक में बदल गई। इसी बीच डीएम ने गुस्से में आकर कह दिया 'ऐ मंत्री..मुझे पता है मुझे क्या करना है, क्या नहीं'। इससे उच्च्वल और उनके पिता का पारा भी चढ़ गया। उन्होंने भी डीएम पर रेत खनन के लिए रिश्वत लेने के आरोप जड़े।

    कुलदीप ने दी सफाई

    डॉ. कुलदीप उज्जवल ने कहा कि मेरी डीपीआरओ से जो बात हुई वह पब्लिक का गुस्सा था। मैं व्यक्तिगत नहीं, बल्कि जनहित के लिए यानी गांवों की कार्ययोजना बनाने के संबंध में पंचायत सचिव नियुक्त करने की बात कह रहा था। छह माह से कोई काम नहीं हो रहा है, इसमें पंचायत सचिव, डीपीआरओ लापरवाही कर रहे हैं। मैंने कोई गाली नहीं दी और न ही कोई धमकी दी। डीएम ने जब ऐ मंत्री कहा तो मुझे व पिताजी को गुस्सा आ गया, हालांकि मैंने उस वक्त भी उनको कोई अपशब्द नहीं कहा।

    बेकार में भड़क गये उज्जवल व उनके पिता

    बागपत के जिलाधिकारी हृदय शंकर तिवारी ने बताया कि रिकार्डिग और डीपीआरओ की शिकायत मेरे पास तक नहीं पहुंची है। डा.कुलदीप उज्जवल ही क्या मैं तो हर किसी बात सुनता हूं। कार्ययोजना शासनादेश के हिसाब से बन रही है। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है। एक माह पहले डा. उच्च्वल ने सचिवों के स्थानांतरण के लिए कहा था। उस वक्त नहीं हो पाया। अब कर दिया है। इसे इतना तूल देने की क्या जरूरत है। मैंने 'ऐ मंत्री' नहीं कहा, बस इतना कहा कि सचिवों की तैनाती हुई, हो सकता है आपके मनमाफिक नहीं हुई हो, इसी बात पर उच्च्वल व उनके पिता भड़क गये।