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    स्वाति सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ कर दिखाएं मायावती: दयाशंकर

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sun, 07 Aug 2016 11:00 PM (IST)

    बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ टिप्पणी को लेकर भाजपा से निष्कासित पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर आज सुबह मऊ जिला कारागार से रिहा हो गए।

    लखनऊ (जेएनएन)। लखनऊ (जागरण न्यूज नेटवर्क)। बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी को लेकर भाजपा से निष्कासित पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सुबह मऊ जिला कारागार से रिहा हो गए। शाम को लखनऊ पहुंचे दयाशंकर ने बसपा सुप्रीमो मायावती को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो वह प्रदेश की किसी भी सामान्य सीट पर स्वाति सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ कर दिखाएं। स्वाति मायावती के खिलाफ बतौर निर्दल प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरेंगी। मायावती को उनकी हैसियत पता चल जाएगा।

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    पत्नी स्वाति के साथ लखनऊ प्रेस क्लब में दयाशंकर ने कहा, मायावती जी मुझे माफ कीजिएगा, लेकिन आप टिकट बेचती हैं, इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए। उन्होंने पीआइएल दाखिल करने के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं व प्रधानमंत्री से मिलने की बात भी कही। आरोप लगाया कि मायावती से भ्रष्ट कोई नहीं है। एक सामान्य परिवार से होकर वह आज हजारों करोड़ की संपत्ति की मालकिन बन गई हैं। खुद को दलितों की देवी बताती हैं, लेकिन असल में वोटों की सौदागर हैं। पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर निशाना साधते हुए कहा, वह कभी होमगार्ड की नौकरी करते थे और आज करोड़ों के मालिक हैं। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मैंने जो शब्द प्रयोग किए थे वह मायावती के लिए नहीं थे। मैंने उदाहरण दिया था और इसके लिए माफी भी मांगी, लेकिन मायावती को शांति नहीं मिली और मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। मेरी मां-बेटी और पत्नी के लिए सरेआम गलत शब्द प्रयोग किए गए। कहा कि स्टेट गेस्ट हाउस में जब मायावती पर संकट आया था तब मैं ब्रह्मï दत्त द्विवेदी के साथ वहां गया था। मायावती ने बाद में ब्रह्मï दत्त द्विवेदी के विरोधियों से ही टिकट का सौदा किया।

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    मेरी रग-रग में भाजपा

    दयाशंकर ने कहा कि पार्टी ने भले ही उन्हें निष्कासित कर दिया हो, लेकिन उनके रग-रग में भारतीय जनता पार्टी है। आज जो कुछ भी हूं वह विद्यार्थी परिषद और बीजेपी की बदौलत ही हूं। जो भी सामाजिक, राजनीतिक पहचान मिली है, वह पार्टी का सिपाही होने के नाते ही मिली है। अभिभावक के डांटने पर बेटे घर छोड़कर नहीं जाते।

    आरोपी खुलेआम घुम रहे

    दयाशंकर ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, मुख्यमंत्री ने बसपा नेताओं के कृत्य की निंदा की थी, लेकिन आरोपी खुलेआम घुम रहे। वह नसीमुद्दीन की गिरफ्तारी से कतरा रहे हैं क्योंकि उन्हें मुस्लिम वोट की चिंता है। कहा कि मायावती नसीमुद्दीन व रामअचल राजभर को गिरफ्तार करवा दें, वह जनता का दिल जीत लेंगी। उन्होंने न्याय की लड़ाई में स्वाति सिंह का साथ देने के लिए मीडिया का धन्यवाद दिया।

    पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

    स्वाति सिंह ने कहा कि मुझे अभी तक न्याय नहीं मिला। पुलिस के मांगने पर मैंने साक्ष्य के तौर पर सीडी उपलब्ध करा दी। स्वाति ने एसएसपी मंजिल सैनी पर आरोप लगाया कि वह कार्रवाई नहीं कर रही हैं। एसएसपी कह रही हैं कि नसीमुद्दीन भाषण दे रहे थे। सीओ का कहना है कि मेरे पास और भी काम हैं, समय होगा तो सीडी देखेंगे। दयाशंकर की तलाश ऐसे हो रही थी मानो वह कोई माफिया हों।

    मऊ से लखनऊ तक स्वागत

    इससे पहले सुबह से ही मऊ जेल गेट पर समर्थकों का हुजूम लगा रहा। भाजपा नेता के बाहर आते ही जेल का फाटक टूट गया, बलिया का शेर छूट गया नारे के साथ समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। वह सीधे मां वनदेवी धाम पहुंचे। फिर लखनऊ रवाना हो गए। पूरे रास्ते जगह-जगह समर्थकों ने फूल-माला पहनाकर उनकी लड़ाई में साथ होने की बात कह मनोबल बढ़ाया। फैजाबाद में स्वागत समारोह भी आयोजित किया गया। बता दें कि शनिवार शाम प्रक्रियात्मक कार्रवाई में हुए विलंब के चलते अदालत से जमानत मिलने के बावजूद दयाशंकर ङ्क्षसह मऊ जेल से बाहर नहीं आ सके थे।