दवा लेकर खड़ा रहा पति, OT में पत्नी ने तोड़ा दम
बहराइच निवासी आठ माह की गर्भवती सुशीला को गंभीर हालत में सोमवार रात क्वीन मेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। नर्स अगर समय से दवा पहुंचा देती तो मेरी पत्नी की जान बच जाती, पास होने के बावजूद मुझे भी वॉर्ड में नहीं जाने दिया गया। यह बात कहकर राजू बिलख बिलखकर रो रहा था। क्वीन मेरी अस्पताल में पत्नी की मौत से परेशान राजू ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी की हालत गंभीर थी और माइक पर उसके लिए दवा लाने की अनाउंसमेंट हो रही थी, लेकिन गार्ड ने उसे अंदर नहीं जाने दिया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।
बहराइच निवासी आठ माह की गर्भवती सुशीला को गंभीर हालत में सोमवार रात क्वीन मेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सुशीला के पति राजू ने बताया कि सुबह ऑपरेशन से एक मृत शिशु को जन्म दिया। जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी, वहीं डॉक्टर ने उसे कुछ दवाईयां और जांचें लिखी। जांच की रिपोर्ट लेकर जब राजू वापस आया तो उसे गार्ड ने अंदर नहीं जाने दिया।
गेट पर खड़े होकर वो किसी के हाथ रिपोर्ट और दवा अंदर ले जाने की प्रार्थना करने लगा, लेकिन गार्डों ने उसे अनसुना कर दिया। राजू के पास गेट पास भी था जिसे वो बार बार दिखा रहा था, लेकिन उसे अंदर नहीं जाने दिया गया।
क्वीन मेरी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसपी जैसवार कहते हैं, महिला की हालत काफी गंभीर थी, उसे हमने बचाने की कोशिश की लगभग 10.30 बजे ही उसकी मौत हो गई थी। मरीज के परिजन क्या शिकायत कर रहे हैं उसकी जानकारी नहीं है, न ही मेरे पास कोई लिखित शिकायत आई है।
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गेट तक थी ओपीडी की लाइन: तीन दिन बाद खुली ओपीडी में मरीजों की लाइन गेट तक आ गई थी। भारी भीड़ की वजह से गार्डों ने उसे अंदर घुसने नहीं दिया। लगभग डेढ़ घंटे तक वो गेट पर खड़े होकर गिड़गिड़ाता रहा। 11.30 बजे जब उसे अंदर जाने को मिला तो उसे पता चला कि सुशीला की मौत हो गई है। मौत की खबर सुनकर राजू टूट गया और बिलख बिलखकर रोने लगा। राजू ने कहा कि गेट पास होने के बाद भी उसे अंदर नहीं जाने दिया गया।
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