सहारा इंडिया फाइनेंशियल कारपोरेशन का लाइसेंस रद
सात साल पहले ग्राहकों से लेनदेन बंद कर चुकी सहारा इंडिया फाइनेंशियल कारपोरेशन का लाइसेंस रिजर्व बैंक ने रद कर दिया है। आरबीआइ के एनबीएफसी विभाग महाप्रबंधक पीके कर ने यह कार्रवाई की है। कंपनी के कपूरथला स्थित मुख्यालय को इस संबंध में पत्र भी भेजा जा चुका है।
लखनऊ। सात साल पहले ग्राहकों से लेनदेन बंद कर चुकी सहारा इंडिया फाइनेंशियल कारपोरेशन का लाइसेंस रिजर्व बैंक ने रद कर दिया है। आरबीआइ के एनबीएफसी विभाग महाप्रबंधक पीके कर ने यह कार्रवाई की है। कंपनी के कपूरथला स्थित मुख्यालय को इस संबंध में पत्र भी भेजा जा चुका है। सहारा इंडिया पैरा बैंकिंग के स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि कंपनी खाता धारकों की जमा रकम पहले ही वापस कर चुकी है।
रिजर्व बैंक कानपुर के नान बैंकिंग फाइनेंस कारपोरेशन (एनबीएफसी) विभाग में पंजीकृत कंपनी का लाइसेंस मानकों का पालन न किए जाने पर रद करने की बात सामने आई है। कंपनी में एजेंटों के जरिए रुपये जमा कराकर ब्याज समेत वापस करती थी। सात साल पहले जमा रकम के ग्राहकों का ब्योरा, केवाईसी नियम पूरे न किए जाने पर कंपनी के कामकाज पर रोक लगाई गई थी। आरबीआइ के अफसरों के मुताबिक जून, 2015 तक कंपनी को सभी ग्राहकों को रुपये वापस करने की ताकीद की गई थी। प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने दावा किया कि सात साल पहले ही कंपनी लेनदेन बंद कर चुकी है और किसी भी तरह का बकाया नहीं है। वहीं, आरबीआइ ने कंपनी पर 1088 करोड़ रुपये बकायेदारी का दावा किया था। इस पर अमल न करने की वजह से लाइसेंस निरस्त किया गया है।
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