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    अमेठी में आप ने 'ताकत' के बाद दिखाई 'सादगी'

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    Updated: Tue, 14 Jan 2014 01:28 AM (IST)

    लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव में अमेठी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती देने की

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    लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव में अमेठी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती देने की तैयारी में जुटे आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने पहले विरोध को ताकत दिखाकर मंद करने की कोशिश की और मुस्करा कर यह जताने का प्रयास किया कि हम अमेठी का दिल जीतने आए हैं। इसी रणनीति के तहत कुमार ने सोमवार को सादगी से अमेठी की गलियों में दस्तक देकर तमाम समीकरण बनाने बिगाड़ने की कवायद शुरू की। उन्होंने राहुल गांधी की अपनी झोपड़ी में मेजबानी करने वाली दलित 'सुनीता' के घर जाकर उसकी सुध ही नहीं ली बल्कि राहुल गांधी पर सवाल भी खड़े कर दिए।

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    सुनीता अमेठी का वह नाम है जो पहली बार 26 जनवरी 2008 को चर्चा में आया था। जब राहुल गांधी गरीबी से जूझते आम आदमी की हकीकत जानने के लिए उसके घर संग्रामपुर ब्लाक के पूरे जवाहिर गांव पहुंचे थे। राहुल ने रात्रि विश्राम कर सुनीता का दर्द जाना। उसके बाद उसके घर के बाहर विधायक निधि से नल लगा और उसके पति को राजीव गांधी विकास परियोजना में काम भी मिल गया। लेकिन इसके बाद जो हुआ वह सियासत का नया जुमला बन गया। सुनीता की मुश्किलें बढ़ गई। किसी ने उसके घर को आग के हवाले कर दिया तो दूसरे दलों के लिए वह उलाहना का केंद बन गई। उधर राहुल ने कई मंचों से सुनीता के दर्द को सार्वजनिक किया, लेकिन उसकी किस्मत आज भी बदहाली पर आंसू बहा रही। दौरे के दूसरे दिन सियासी डगर पर बढ़े कुमार के कदम कालिकन धाम पहुंचे, तो सुनीता के चौखट पर भी।

    'भइया, मजाक बन गई हमारी जिंदगी'

    इतिहास खुद को पांच साल 11 माह बाद दोहरा रहा था। लेकिन लोग कम थे। सोमवार को दोपहर में वाहनों का काफि ला सुनीता के घर पहुंचा तो गाव में चहलकदमी बढ़ गई। सुनीता के लिए नेताओं का आना जाना कोई नया नहीं है। राहुल गाधी के उसके आवास पर पहुंचने के बाद यह सिलसिला आज तक चला आ रहा। कुमार विश्वास ने सुनीता से हालचाल पूछा। पूछा कि आखिर राहुल ने उसे दिया क्या, यह सुनते ही सुनीता के दिल में दबा गुबार फट पड़ा। कहने लगी कि राहुल ने अब तक उसे मुश्किलों के सिवाय कुछ नहीं दिया। उसके पति को एक नौकरी दी थी। वह भी छीन ली। गृहस्थी की गाड़ी सिर्फ मजदूरी के जरिये घिसट रही है। उल्टा राहुल गाधी ने तमाशा बनाकर रख दिया। मीडिया, नेता और गैर कांग्रेसी दलों के लोग उसे मुश्किल में डाल रहे। कुमार ने कहा कि उनके पास कोई फंड नहीं है। लेकिन कार्यकर्ताओं के सहयोग से छत जरूर डलवा दी जाएगी। यह कार्य एक माह में पूरा हो जाएगा। सुनीता ने कहा कि सासद से सम्पर्क में आने पर उसका घर जलाया गया। दबंगों से परेशानिया बढ़ी हैं।

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