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इटली से हाईस्पीड ट्रेन दौड़ाने के गुर सीखेगा भारत

देश में बुलेट ट्रेन से पहले हाईस्पीड ट्रेन दौड़ाने का जो सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा है, उस पर कवायद तेज हो गई है। रेलवे में ढांचागत सुधार पहले ही शुरू हैं। अब हाईस्पीड ट्रेनों के कंट्रोल और उनके संचालन की बारीकियां भी परखी जाने लगी हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2015 10:45 AM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2015 10:51 AM (IST)

बरेली (साजिद रजा खां)। देश में बुलेट ट्रेन से पहले हाईस्पीड ट्रेन दौड़ाने का जो सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा है, उस पर कवायद तेज हो गई है। रेलवे में ढांचागत सुधार पहले ही शुरू हैं। अब हाईस्पीड ट्रेनों के कंट्रोल और उनके संचालन की बारीकियां भी परखी जाने लगी हैं। इसके लिए देशभर के 30 मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) मैनेजमेंट सीखने इटली जाएंगे।

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हाईस्पीड ट्रेन के बारे में जानने के लिए जो डीआरएम इटली जा रहे हैं, उनमें उत्तर प्रदेश से इज्जतनगर रेल मंडल के डीआरएम चंद्र मोहन जिंदल, फिरोजपुर के डीआरएम अनुज प्रकाश और लखनऊ के एके लोहाटी शामिल हैं। यह सभी आज दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से रवाना होंगे। इटली के एसडीए बुकूनी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में 15 दिन का विशेष प्रशिक्षण चलेगा। इस दौरान हाईस्पीड ट्रेन के संचालन, रखरखाव, सुरक्षा और ट्रैक तैयार के बारे में बताया जाएगा। डीआरएम टीम 22 सितंबर को भारत लौटेगी।

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नीरज शर्मा ने बताया कि उत्तर रेलवे से लखनऊ व फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम को इटली भेजा गया है। यह विशेष प्रशिक्षण से लौटने के बाद हाईस्पीड ट्रेन पर काम शुरू करेंगे।

इन ट्रैक पर दौडऩी है ट्रेन

केंद्र सरकार ने प्रथम चरण में देश के हावड़ा वाया लखनऊ, बरेली-दिल्ली, दिल्ली-अहमदाबाद, मुंबई-अहमदाबादऔर चेन्नई-मुंबई खंडों पर हाईस्पीड ट्रेन चलाने का फैसला लिया गया है। यहां सफल होने के बाद बाकी रेलखंड भी हाईस्पीड ट्रेनों लायक बनेंगे।

रेलखंड सर्वे का काम पूरा

साउथ कोरिया की टीम ने भारतीय रेलवे के सीनियर इंजीनियरों के साथ चारों ट्रैक का सर्वे किया था। यह सर्वे लगभग पूरा हो चुका है। हाईस्पीड ट्रेन चलाने में लगभग 8.5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है। निजी कंपनियों से निवेश कराया जा रहा है। इसमें 1.5 करोड़ रुपये एलआइसी निवेश कर चुकी है। 30 रेल मंडलों से हाईस्पीड ट्रेन गुजरेगी। यहां का ट्रैक काफी घुमावदार है। वहीं ट्रैक में काफी सुधार होना है। इसके साथ ही हाईस्पीड ट्रेन के लिहाज से नए कारखाने भी बनाए जाएंगे। इटली जाने वाले सभी डीआरएम सीनियर हैं, जो नए ट्रैक बनवाने के साथ ही प्रमुख पदों पर तैनात रह चुके हैं। विशेष प्रशिक्षण के बाद हाईस्पीड ट्रेन संचालन में मदद ली जाएगी।

डीआरएम लखनऊ को जिम्मेदारी

इज्जतनगर रेल मंडल के डीआरएम चंद्रमोहन जिंदल के विशेष प्रशिक्षण में इटली जाने के कारण लखनऊ रेल मंडल के डीआरएम आलोक कुमार को इज्जतनगर डीआरएम की जिम्मेदारी सौंपी गई। वह लखनऊ के साथ-साथ डीआरएम चंद्रमोहन जिंदल के लौटने तक इज्जतनगर मंडल की भी जिम्मेदारी संभालेंगे।


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