सुर्खियों में उत्तर प्रदेश का निकाय चुनाव और 50 रुपए किलो तक पहुंचा प्याज
थोक में गुणवत्ता के अनुसार प्याज के भाव 3200 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच पहुंच गए हैं। फुटकर भाव दोबारा बढ़े हैं।
लखनऊ (जेएनएन)। प्याज के दामों में फिर उछाल आ गया है। थोक में इसके भाव 3200 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं। वहीं फुटकर भाव दोबारा 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए। वैसे प्याज के बढ़ते दाम हरदम सुर्खियों में रहे हैं। आने वाले समय में गुजरात, हिमाचल और उत्तर प्रदेश में नगर निकायों के चुनाव हैं। लिहाजा दो हफ्ते पहले जब प्याज के भाव फुटकर में 50 रुपये तक पहुंचे तो लोगों में चर्चा शुरू हो गई। संयोग से प्याज इस भाव पर टिक नहीं पाया। पुराने प्याज के भरपूर स्टाक और नई आवक के नाते इस पर ब्रेक लग गया लेकिन, बीते तीन दिनों की तेजी में भाव पुराने स्तर पर आ गये तो चर्चा भी शुरू हो गई।
गुजरात, महाराष्ट्र, मप्र और द.भारत के राज्य बड़े उत्पादक
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ)के उपनिदेशक डा.रजनीश मिश्र के मुताबिक गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और दक्षिण भारत के कुछ राज्य प्याज के प्रमुख उत्पादक हैं। पूरी फसल का करीब 60 फीसद रबी के सीजन में और 40 फीसद खरीफ में पैदा होता है। इस बार बारिश के कारण उत्पादक राज्यों में फसल प्रभावित है। दक्षिण भारत में हाल की बारिश से खोदाई पर भी असर पड़ा है। मौजूदा तेजी की यही वजहें हैं। कारोबार से जुड़े जय सिंह के अनुसार नई प्याज में अभी नमी है साथ ही यह गुणवत्ता में भी खराब है। एक बोरी में पांच से सात किलोग्राम माल खराब निकल रहा है। नमी के नाते ग्राहक भी इसे कम पूछ रहे हैं। व्यापारी भी खराब गुणवत्ता के कारण संभलकर सौदा कर रहे हैं। मांग पुराने की है लिहाजा भाव टाइट है। फिलहाल अगले कुछ दिनों तक इसमें उतार-चढ़ाव जारी रहेगा।
दाम में तेजी चंद रोज की बात
निदेशक उद्यान एसपी जोशी के मुताबिक मांग और आपूर्ति में फर्क के कारण आई तेजी चंद दिनों की बात है। बाजार में विकल्प के रूप में सागा प्याज आने लगी है। इसकी आवक बढऩे के साथ ही प्याज की मांग और दाम दोनों घटेंगे। यूं भी खरीफ के प्याज का भंडारण संभव नहीं, लिहाजा इसकी भी आपूर्ति बढऩे के साथ भाव भी घटेंगे।
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