आइआइटी कानपुर ने बनाया दुनिया का पहला ईंधन ड्रोन
बैटरी से चलने वाले ड्रोन अधिकतम 30 मिनट तक उड़ सकते हैं जबकि पेट्रोल ईंधन से ड्रोन ढाई घंटे तक हवा में रह सकता है। इतनी देर उड़ाने के लिए महज दो लीटर पेट्रोल की जरूरत होती है।
[विक्सन सिक्रोडिय़ा] कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) ने पेट्रोल इंजन से उडऩे वाला दुनिया का पहला ड्रोन बनाया है। अभी तक दुनियाभर के नामी गिरामी तकनीकी शिक्षण संस्थानों में जितने भी ड्रोन बनाए गए वे बैटरी से संचालित हैं। यह पहला ऐसा ड्रोन है जो बैटरी के ड्रोन के मुकाबले पांच गुना अधिक समय तक उडऩे के साथ करीब तीन किलोग्राम तक का वजन उठा सकता है। एयरोस्पेस साइंस विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अभिषेक व डा. मंगला कोठरी के दिशा निर्देश में रिसर्च स्कॉलर रामदास व अंकुर की टीम ने इसे बनाया है।
साढ़े तीन हॉर्स पॉवर के इंजन से उडऩे वाले इस ड्रोन में चार रोटर लगाए गए हैं, जिन्हें ट्रांसमीशन से पॉवर मिलती है और वे तेजी के साथ घूमते हैं। तीन सौ मीटर की उड़ान भरने वाला यह ड्रोन एसएलआर जैसे भारी कैमरे को लेकर उन तस्वीरों को ले सकता है जो अभी तक संभव नहीं थीं। बैटरी से चलने वाले ड्रोन अधिकतम 30 मिनट तक उड़ सकते हैं जबकि पेट्रोल ईंधन से ड्रोन ढाई घंटे तक हवा में रह सकता है। इतनी देर उड़ाने के लिए महज दो लीटर पेट्रोल की जरूरत होती है। विशेष अनुमति मिलने पर इसे तीन सौ मीटर से भी अधिक ऊंचाई तक उड़ाया जा सकता है।
डेढ़ साल के शोध में सफलता
एयरोस्पेस साइंस विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अभिषेक ने बताया कि डेढ़ साल के शोध के बाद यह पॉवरफुल ड्रोन बनाया गया है। डिजाइन, तकनीकी कार्य व ट्रायल सब कुछ आइआइटी की प्रयोगशाला में हुआ है। आइआइटी में विकसित की गई यह तकनीक अमेरिका की इंड्योर एयर स्टार्टअप कंपनी को दिए जाने पर करार किया गया है। छह महीने के अंदर यह मार्केट में आ जाएगा।
कराएगा आसमान की सैर
इसकी डिजाइन के आधार पर आइआइटी में ऐसे बड़े ड्रोन बनाए जाने की तैयारी शुरू हो चुकी है जो इंसान को लेकर भी उड़ सकेगा। केवल इंजन की क्षमता और बढ़ानी होगी। अभी तक ऐसा कोई ड्रोन नहीं बना।