दुनियाभर में बजेगा हिंदी का डंका : स्मृति ईरानी
लखनऊ। हिंदी की बिंदी अब दुनिया में चमकेगी। केंद्र सरकार हिंदी को वैश्विक स्तर पर फैलाने को ज
लखनऊ। हिंदी की बिंदी अब दुनिया में चमकेगी। केंद्र सरकार हिंदी को वैश्विक स्तर पर फैलाने को जोरदार कसरत करने जा रही है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि इसके लिए दुनिया के कई देशों में केंद्रीय हिंदी संस्थान के केंद्र खोले जाएंगे।
आज आगरा में केंद्रीय हिंदी संस्थान में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक सभागार का शिलान्यास किया। शासी परिषद की बैठक में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया में हिंदी को फैलाने के लिए जल्द संस्थान और संबंधित देशों के बीच समझौते होने जा रहे हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में हिंदी भाषा के प्रचार पर भी जोर रहेगा। शिक्षण मंडल की अध्यक्ष स्मृति ईरानी ने कहा कि हिंदी को बढ़ावा देने वालों को केंद्र सरकार सम्मानित करेगी। इसके लिए तीन नए पुरस्कार शुरू किए जा रहे हैं। खासकर बाल साहित्य पर सरकार ध्यान देगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में जनजातीय भाषाओं के बीच हिंदी को स्थान दिलाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। वहां शिक्षकों को भेज हिंदी भाषा पढ़ाने के लिए कहा जा रहा है।
तीन नए पुरस्कार
-वल्लभभाई पटेल हिंदी पुरस्कार
-पं. दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार
-बाल साहित्य राष्ट्रीय पुरस्कार।
पूर्वोत्तर में मान्य संस्थान की डिग्री
केंद्रीय हिंदी संस्थान में पूर्वोत्तर राज्य के करीब 45 छात्र-छात्राओं ने प्रवीण (बीटीसी के समकक्ष), पारंगत , निसषथ (एमएड के समकक्ष) डिग्री की मान्यता न होने की केंद्रीय मंत्री से शिकायत की। छात्राओं का कहना था कि हाल ही में निकले शिक्षक पदों के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान की डिग्रियों को अमान्य ठहराया गया है। इससे उन्हें हिंदी सीखने के बाद भी शिक्षक की नौकरी नहीं मिल सकती है। इस पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। पूर्वोत्तर राज्यों में हिंदी संस्थान की तीनों डिग्रियां मान्य होंगी।
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