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    यहां सिग्नल से नहीं मोबाइल कॉल से चलती है ट्रेन

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Thu, 09 Nov 2017 01:39 PM (IST)

    चालक का मोबाइल न मिलने की स्थिति से निपटने के लिए स्टेशन मास्टर ने लाइन के आसपास रहने वाले कुछ लोगों से संपर्क बनाया हुआ है। फोन करके उनसे जानकारी लेते हैं।

    यहां सिग्नल से नहीं मोबाइल कॉल से चलती है ट्रेन

    सम्भल [राघवेंद्र शुक्ल]। देश बुलेट ट्रेन का सपना देख रहा है, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली से महज 165 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सम्भल शहर रेल सुविधाओं से अछूता है। रेल लाइन है, तो सालों पुरानी। स्टेशन है तो अंग्रेजों के जमाने का, ङ्क्षसगल लाइन भी ऐसी कि 24 घंटे में चलने वाली दो डीएमयू (डीजल मल्टीपल यूनिट) को एक बैलगाड़ी भी पछाड़ दे। इतना ही नहीं यहां ट्रेन ग्रीन या रेड सिग्नल से नहीं, बल्कि मोबाइल की कॉल से चलती है। 

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    सम्भल के हातिम सराय रेलवे स्टेशन पर रेल की पटरियां आकर खत्म हो जाती हैं। मुरादाबाद से यहां तक डीएमयू चलती है जो दिन में दो फेरे लगाती है। मुरादाबाद से सिरसी तक सिग्नल सिस्टम है। उसके बाद रास्ते में पडऩे वाले फाटक पर तो यह धीरे हो जाती है और इसकी सीटी ही इसके आने का सिग्नल होती है। साथ ही ट्रेन के चालक हातिम सराय स्टेशन मास्टर विपिन कुमार को फोन से लोकेशन देते रहते हैं। वह भूल गए तो विपिन खुद फोन करते हैं।

    चालक का मोबाइल न मिलने की स्थिति से निपटने के लिए स्टेशन मास्टर ने लाइन के आसपास रहने वाले कुछ लोगों से संपर्क बनाया हुआ है। फोन करके उनसे जानकारी लेते हैं। हातिम सराय से मुरादाबाद के बीच करीब 45 किलोमीटर की दूरी के लिए पहली ट्रेन 74303 दोपहर में एक बजे आती है। यह 74304 बनकर 1.15 बजे वापस जाती है। शाम को 74305 ट्रेन 6.30 बजे आती है और 74306 बनकर 6.55 पर वापस जाती है। करीब सवा दो घंटे में यह ट्रेन हातिम सराय से मुरादाबाद की दूरी तय करती है।

    स्टेशन मास्टर हैं इकलौते कर्मचारी
    स्टेशन मास्टर विपिन कुमार हातिम सराय रेलवे स्टेशन के इकलौते कर्मचारी हैं। लिपिक से लेकर टिकट बांटने और अन्य प्रशासनिक कार्य वह ही करते हैं। विपिन कहते हैं कि जब ट्रेन सिरसी से बढ़ती है तो मोबाइल से इसकी लोकेशन ले लेते हैं। चालक को मिला लिया या गार्ड को। मोबाइल सिग्नल नहीं मिला तो परिचितों को ही मिला लेता हूं।

    वर्तमान रेल बजट में सम्भल से गजरौला के बीच प्रस्ताव हो चुका है। रेलवे प्लाङ्क्षनग कमीशन को 860 करोड़ रुपये अक्टूबर में रिलीज कर दिए गए हैं। रेल मंत्रालय सम्भल को लेकर गंभीर है। यहां के लोगों को दिल्ली तक सीधी रेल सेवा मुहैया कराने की दिशा में सरकार काम कर रही है।
    -सत्यपाल सैनी, सम्भल सांसद