हाईकोर्ट बेंच मुद्दे पर विधानसभा में एकजुट पश्चिम के विधायकों का हंगामा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की खंडपीठ स्थापित करने के मुद्दे पर मंगलवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ
लखनऊ (जेएनएन)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की खंडपीठ स्थापित करने के मुद्दे पर मंगलवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। पश्चिमी उप्र के अधिकतर विधायक दलीय सीमाएं तोड़ कर एक मत दिखे परन्तु सरकार ने मौन साधे रखा।
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राष्ट्रीय लोकदल के दलवीर सिंह ने पश्चिम उप्र में हाईकोर्ट बेंच स्थापित करने के लिए प्रस्ताव पारित करने का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि इस से लाखों गरीब लोगों को न्याय मिलने में सुविधा होगी। उन्होंने इलाहाबाद से पश्चिमी उप्र के विभिन्न जिलों की दूरी का हवाला देते हुए कहा कि मेरठ जैसे जिले से पाकिस्तान की लाहौर हाईकोर्ट भी इलाहाबाद से नजदीक है। बेंच के समर्थन में भाजपा, बसपा और कांग्रेस के पश्चिमी उप्र के ताल्लुक रखने वाले सदस्यों ने भी वेल में पहुंचकर हंगामा शुरु कर दिया। बसपा के डा. धर्मपाल सिंह, अमरपाल शर्मा, लोकेश दीक्षित, गजेंद्र सिंह, कांग्रेस के पंकज मलिक, बंशी पहाडिया और भाजपा के सुरेश राणा, लोकेंद्र, सत्यप्रकाश अग्रवाल, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, रविंद्र भड़ाना, कपिल अग्रवाल, बिमला सोलंकी व विमला बाथम आदि भी समर्थन करते दिखे।
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वहीं कांग्रेस के अनुग्रह नारायण ने बेंच स्थापित करने की मांग का विरोध किया। उनका कहना था कि बेंच की स्थापना करना उचित नहीं है। अनुग्रह के तर्क का जोरदार विरोध किया गया। कहा कि ऐसे तो लखनऊ खंडपीठ को भी खत्म किया जाए। माहौल बिगड़ता देखकर विधानसभा अध्यक्ष माताप्रसाद पांडेय ने चर्चा जारी रखने का फैसला लिया और प्रस्ताव पर मतदान से कन्नी काट ली।
भाजपाई दुष्प्रचार से बचाएं : रामवीर
आए दिन बसपा को छोडऩे की अफवाह से आहत रामवीर उपाध्याय का दर्द मंगलवार को सदन में उभरकर आया। उन्होंने अध्यक्ष से गुहार लगाते हुए कहा कि भाजपा की ओर से सोशल मीडिया व अन्य प्रचार माध्यमों से उनके बसपा छोडऩे की चर्चा फैलायी जा रही है। जिसकी सफाई देते देते परेशान हो गया, ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष उचित कार्रवाई करते हुए भाजपाईदुष्प्रचार से बचाए। उन्होंने कहा, वह मरते दम तक बसपा नहीं छोड़ेंगे। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने रामवीर उपाध्याय की आपत्ति को सुनते हुए कहा कि उनका शक किसी पर हो तो उसकी जांच करा लेगें वरना कुछ नहीं हो सकेगा।
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