भूमि अधिग्रहण अध्यादेश खेती से बेदखल करने की साजिश: गोविंदाचार्य
राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के प्रमुख केएन गोविंदाचार्य ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश-2014 का प्रबल विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार विश्व बैंक के इशारे पर किसानों को खेती से बेदखल करने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि विधायकों और सांसदों की तरह प्रधानों, प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों

लखनऊ। राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के प्रमुख केएन गोविंदाचार्य ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश-2014 का प्रबल विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार विश्व बैंक के इशारे पर किसानों को खेती से बेदखल करने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि विधायकों और सांसदों की तरह प्रधानों, प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान का अधिकार मिलना चाहिए। सरकार इन्हीं की तरह पंचायत प्रतिनिधियों को भी मानदेय दे।
आज लखनऊ में गोविंदाचार्य पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि कृषि व चारागाह भूमि का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार के बजट की आलोचना करते हुए कहा कि कृषि पर ज्यादा बजट की जरूरत है लेकिन भारी कटौती कर केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि वह अमेरिका परस्त नीतियों पर चल रही है। उसकी प्राथमिकताओं में किसान और जनविरोधी नीतियां साफ दिख रही हैं।
उन्होंने मांग की कि वर्तमान बजट के अनुसार पंचायतों के लिए निर्धारित बीस लाख के बजट को बढ़ाकर 40 लाख किया जाए और इसको लागू करने की उचित व्यवस्था की जाए। यह भी कहा कि किसी भी प्रकार के भूमि अधिग्रहण के लिए ग्राम सभा की सहमति अनिवार्य हो और केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों से विमर्श कर सभी पंचायतों को समान अधिकार उपलब्ध कराये। पंचायतों को वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार की हिमायत करते हुए गोविंदाचार्य ने इसे कलेक्टर के चंगुल से मुक्त करने की मांग की। गोविंदाचार्य ने कहा कि देश के 58 जिलों का पानी आर्सेनिक और 68 जिलों में फ्लोराइड का प्रदूषण है लेकिन इसे ठीक करने के बजाय सरकार बुलेट टे्रन और स्मार्ट सिटी का सपना देख रही है। गोविंदाचार्य ने स्वीकार किया कि अभी तक ऐसी विसंगतियों के खिलाफ संगठित लड़ाई नहीं हुई लेकिन दो अक्टूबर को दिल्ली में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ पंचायत प्रतिनिधियों की एक बड़ी जुटान होगी। गोवंश रक्षा के लिए भी वह नये सिरे से अभियान शुरू करेंगे। इस मौके पर राष्ट्रीय पंचायत संगठन के अध्यक्ष, पूर्व एमएलसी सुनील सिंह ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने और किसानों को बर्बाद करने की साजिश है लेकिन इस पर हम निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे और सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे।

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