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    नकदी के लिए मारामारी, अधिकांश में बैंक और एटीएम खाली

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Wed, 21 Dec 2016 11:30 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश की बैंकों में नकदी की किल्लत बनी रही। न एटीएम जरूरत पूरी कर पा रहे हैं और न बैंक। पुरानी करेंसी जमा करने को लेकर बहस और नोकझोंक होती रही।

    लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश की बैंकों में नकदी की किल्लत बनी रही। न एटीएम जरूरत पूरी कर पा रहे हैं और न बैंक। बैंकों में पुरानी करेंसी जमा करने को लेकर भी बहस और नोकझोंक होती रही। खासतौर से ग्रामीण बैंकों की हालत खस्ता है, हालांकि कई जिलों की स्थिति में सुधार भी आया है पर हंगामे थमने का नाम नहीं ले रहे।लखीमपुर में स्टेट बैंक और एक्सिस बैंक के एटीएम को छोड़कर कोई एटीएम नहीं चला। अमेठी में लोगों को दोपहर तक कैश आने के इंतजार में बैंक में बैठना पड़ा। बाराबंकी और सुलतानपुर भी संकट रहा। श्रावस्ती में बंठिहवा शाखा में पिछले पांच दिनों से नकदी नहीं है। दूसरी ओर लखनऊ और फैजाबाद में बैंकों व एटीएम भीड़ बेहद कम दिखी। अधिकांश एटीएम भी चालू हैं। गोंडा में भी बैंकों में कम भीड़ दिखी। रायबरेली में आरबीआइ के नए नियम लोगों की परेशानी का सबब बन गए हैं। बहराइच में ग्रामीण बैंकों पर भीड़ दिखी।

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    इलाहाबाद शहर की बैंक शाखाओं में 24 -24 हजार रुपये बुधवार को भी मिले,एटीएम पर भी कतार नहीं दिखी। लेकिन देहात में स्थिति जस की तस रही। प्रतापगढ़ में बाबागंज स्थित भारतीय स्टेट बैंक में एक प्रधान ने बैंक कर्मचारी को मारापीटा। इसे लेकर काफी देर तक हंगामा हुआ। जिला मुख्यालय पर दर्जन भर से अधिक एटीएम भी चलने लगे हैं। वाराणसी में राहत मिलती नहीं दिख रही है। आजमगढ़ में अतरौलिया की पीएनबी शाखा पर 500 व 1000 के नोट जमा न करने पर विवाद हुआ। बैंकों पर भीड़ कम हो गई है लेकिन एटीएम साथ नहीं दे रहे हैं। भदोही में विभिन्न बैंकों में झिकझिक होती रही। बैंकों से करेंसी मिलने लगी है तो बंद एटीएम भी काम कर रहे हैं। गाजीपुर के नसरतपुर ग्रामीण बैंक में कैश न होने पर लोगों ने गेट खिड़की दरवाजे पीटे। यही दिक्कत समूचे पूर्वांचल में रही।

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    कानपुर के बैंकों में आज भी कैश की भारी किल्लत रही। मध्य यूपी व बुंदेलखंड के लगभग सभी जिलों के एटीएम पहले की तरह शोपीस बने रहे। उन्नाव, फर्रुखाबाद, कन्नौज, फतेहपुर, औरैया, इटावा, हरदोई, बांदा, महोबा, चित्रकूट तथा हमीरपुर में बैंकों की स्थिति जस की तस है। अधिकांश बैंक करेंसी की कमी से जूझ रहे हैं। उधर फर्रुखाबाद के कृष्ण बलराम नगर निवासी बीमार गंगा देवी (80) की इलाज के लिए रुपये न मिलने पर मौत हो गयी। गोरखपुर में डोहरिया स्टेटबैंक पैसा नहीं होने से उत्तेजित हुए ग्राहकों ने जंगल कौडिय़ा-डोहरिया मार्ग को जाम कर दिया। संतकबीर नगर में भी खाताधारकों ने मुहियापुल पर बीएमसीटी मार्ग पर जाम लगा दिया।

    रुपये निकासी को लेकर फीरोजाबाद में बैंकों पर भीड़ कम नहीं हो रही है। टूंडला के राजा का ताल स्थित ङ्क्षसडिकेट बैंक में कैश निकालने गए आलमपुर जारखी के किसान रामवीर की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वे रुपये निकालने चार दिन से बैंक आ रहे थे। नोटबंदी के बाद जिले में मौत का ये तीसरा मामला है। मक्खनपुर में बैंक ऑफ इंडिया में कैश न बांटने पर हंगामा हुआ।

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    मुरादाबाद मंडल में भी कैश के लिए कतार लगी रहीं। कई शाखाओं में दोपहर को कैश खत्म होने पर विरोध हुआ। एटीएम से मायूसी मिल रही है। रामपुर में ज्यादातर एटीएम बंद रहे। अलीगढ़ में ऊपरकोट स्थित ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त में तीन दिन से कैश नहीं बंटा। यहां कूपन बांट कर ग्राहकों को वापस भेजा जा रहा है। एटीएम गिने चुने ही चल रहे हैं।मेरठ में तमाम बैंकों व एटीएम पर भारी भीड़ रही। कतारों के चलते जाम के हालात बने। कैश न मिलने पर कई बैंकों में हंगामा हुआ। कुछ बैंकों के पुराने नोट लेने से इंकार करने पर हंगामा हुआ। बागपत में कई बैंक शाखाओं पर पैसे नहीं मिलने पर हंगामा होता रहा। बिजनौर में अधिकांश एटीएम ने नोट उगलना बंद कर दिया है। नगर के सभी एटीएम बंद रहे। शामली में हंगामा व लंबी कतारें होने से सड़कों पर जाम रहा। पश्चिमी उप्र में एकमात्र बरेली जिले में बैंकों में पर्याप्त मात्रा में कैश उपलब्ध है और 24 हजार रुपये तक बंटने से हालात सुधरने लगे हैं। आज बैंकों में भीड़ नहीं रही, ना ही मारामारी। 85 एटीएम जिले में चले। कहीं लंबी लाइन नहीं लगी।

    कनस्तर लगाकर बैंक के बाहर नंबर लगा रहे लोग

    बांदा के तिंदवारी कस्बे के बैंकों के बाहर कहीं कनस्तर तो कहीं पत्थर कतारबद्ध रखकर अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं लोग। हालात यह है कि खुद के खड़े होने की बात को दूर प्रतीक चिन्हों को रखने तक में होड़ लग जाती है। तिंदवारी कस्बा स्थित भारतीय स्टेट बैंक शाखा के बाहर का नजारा सुबह से अजीबोगरीब हो गया है। भुगतान के लिए लोगों ने पास में खाली पड़े कनस्तरों, झोलों, पत्थरों को रखकर अपना नंबर बुक कर रहे हैं। इस व्यवस्था से लोग जहां अपनी बारी का वहीं खड़े होकर इंतजार नहीं करते वहीं धक्कामुक्की भी नहीं सहनी पड़ रही है। कनस्तर व पत्थर के ऊपर ग्राहक अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर व खाता संख्या लिखकर चला जाता है। अनुमानित समय में आकर भुगतान कराता है। कुछ यही हालत कस्बे के इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक शाखा का भी है। ग्राहक रामकिशोर, उमेश ने बताया कि इस व्यवस्था से समय बर्बादी के साथ धक्कामुक्की व मारपीट की नौबत नहीं आ पाती है। इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक प्रबंधक श्रीण ने बताया कि लोग अपनी सुविधा के लिए बैंक के बाहर कनस्तर व ईंटे रखकर पंक्ति दर्शा रहे हैं। सबकी जरूरतें पूरी हों इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है।