Move to Jagran APP

सीएम योगी की अखिलेश के 'ड्रीम प्रोजेक्ट्स' पर नजरें टेढ़ी, अब होगी जांच

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिन पहले लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट के कार्य का निरीक्षण करने गए थे और वहां पर काफी नाराज थे। योगी सरकार ने जांच कराने का फैसला किया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 01 Apr 2017 10:11 AM (IST)Updated: Sat, 01 Apr 2017 11:28 AM (IST)
सीएम योगी की अखिलेश के 'ड्रीम प्रोजेक्ट्स' पर नजरें टेढ़ी, अब होगी जांच
सीएम योगी की अखिलेश के 'ड्रीम प्रोजेक्ट्स' पर नजरें टेढ़ी, अब होगी जांच

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लखनऊ में ड्रीम प्रोजेक्ट्स पर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजरें टेढ़ी हो गई है। योगी की सरकार ने अब इन सभी की जांच कराने का फैसला किया है। 

loksabha election banner

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिन पहले लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट के कार्य का निरीक्षण करने गए थे और वहां पर काफी नाराज थे। सिर्फ लखनऊ में 1373.64 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर सपा सरकार के दौरान 1100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं।

यूपीः एंटी रोमियो के बाद अब एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स

परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर घपले की आशंका के मद्देनजर सरकार ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को जांच के निर्देश दिए गए हैं। उपाध्यक्ष से तीन दिन में जांच कर विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है।  

तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल पर लखनऊ के गोमतीनगर में जहां 18.64 एकड़ भूमि पर 864.99 करोड़ रुपये के विश्वस्तरीय सुविधायुक्त जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र को वहीं 355.60 करोड़ की 376 एकड़ में फैले जनेश्वर मिश्र पार्क, 846.49 एकड़ में 872.58 करोड़ की सीजी सिटी और 153.05 करोड़ रुपये की पुराने लखनऊ में सौन्दर्यीकरण परियोजना को मंजूरी दी गई थी। 

यह भी पढेंः योगी सरकार के एंटी रोमियो अभियान को हाईकोर्ट ने सही ठहराया

गौर करने की बात है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण की देखरेख में चल रही परियोजनाओं के लिए तत्कालीन सपा सरकार के 1100.10 करोड़ दिए जाने के बावजूद कई कार्य अभी अधूरे ही हैं। जल्दबाजी में परियोजनाओं के आधे-अधूरे कार्यों का ही मुख्यमंत्री से लोकार्पण करा दिया गया। ज्यादातर काम जहां समय से पूरे नहीं हुए हैं वहीं कार्यों की गुणवता को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की शिकायत पर मौजूदा योगी सरकार ने जांच कराने का फैसला किया है। 

यह भी पढेंः आजम ने दी योगी सरकार के दबाव में रामपुर से बगावत शुरू होने की चेतावनी

उच्च स्तरीय निर्देश पर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के विशेष सचिव शिव जनम चौधरी की ओर से कल लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के उपाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह को पत्र भेजा गया है। इसमें एलडीए उपाध्यक्ष को निर्देश दिए गए हैं कि वह स्थलीय निरीक्षण कर परियोजनाओं की वित्तीय व भौतिक प्रगति की जांच करें। सभी तरह की अनियमितताओं के लिए दोषी संबंधित निर्माण एजेंसी, आर्किटेक्ट फर्म, अधिकारियों-अभियंताओं के ब्योरे के साथ उपाध्यक्ष से तीन दिन में शासन को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। 

यह भी पढेंः आस्था पर चोट के बाद बुलंदशहर, रामपुर, संभल और हापुड़ में तनाव

विभागीय प्रमुख सचिव सदाकांत ने बताया कि एलडीए उपाध्यक्ष की जांच रिपोर्ट आने के बाद शासन स्तर से उसका परीक्षण किया जाएगा। जरूरत पडऩे पर परियोजनाओं की उच्च स्तरीय जांच भी कराई जाएगी। प्रमुख सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अनियमितताओं में लिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रमुख सचिव ने बताया कि इन परियोजनाओं के लिए फिलहाल शेष धनराशि जारी करने पर रोक भी लगा दी गई है। उल्लेखनीय है कि परियोजनाओं के लिए 273.53 करोड़ रुपये और जारी होने थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.