सूबे के तमाम अधिकारियों पर उठी उंगलियां
लखनऊ(राज्य ब्यूरो)। भाजपा, कांग्रेस तथा बसपा ने लोकसभा चुनाव में सूबे के कुछ अधिकारियों की ...और पढ़ें

लखनऊ(राज्य ब्यूरो)। भाजपा, कांग्रेस तथा बसपा ने लोकसभा चुनाव में सूबे के कुछ अधिकारियों की निष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लगाया है। इप दलों ने निष्पक्षता न बरतने का आरोप लगाते हुए ऐसे अधिकारियों की सूची भारत निर्वाचन आयोग को सौंपते हुए इन्हें तत्काल इनके पदों से हटाने की मांग की है।
कांग्रेस की सूची में रामपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी, पुलिस अधीक्षक साधना गोस्वामी, सीओ सिटी आले हसन, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आरपी सिंह, बाराबंकी के रामनगर के सीओ त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी, सहारनपुर के देवबंद थाने के इंस्पेक्टर बीपी जाखड़, सुलतानपुर की जिलाधिकारी के.धनलक्ष्मी, लखनऊ के डीआईजी नवनीत सिकेरा, सीओ हजरतगंज दिनेश यादव और एसपी बांदा अरविंद सेन के नाम शामिल हैं। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि बांदा के सपा प्रत्याशी बाल कुमार पटेल के दबाव में वहां से स्पेशल टास्क फोर्स हटा ली गयी है।
भाजपा की सूची में सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक राम बहादुर यादव का नाम है तथा साथ ही यह भी बताया गया है जिले के 20 में से 12 थानों में यादव थानेदार हैं तथा पांच में से तीन सर्किल में यादव सीओ हैं और सभी सपा के एजेंट के तौर पर कार्य कर रहे हैं। आगरा के बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र प्रकाश, कानपुर के अनवरगंज के सीओ तथा एसओ, बेकनगंज के एसओ, इटावा जिले में बकेवर के एसओ नंदूमल यादव, झांसी जल निगम के अधिशासी अभियंता ओम प्रकाश पांडेय, लखनऊ के मोहनलालगंज के परगनाधिकारी एसएनयादव और गोरखपुर के जिला विकास अधिकार अभय कुमार श्रीवास्तव पर आरोप लगाया गया है कि ये सभी सपा के एजेंट के तौर कार्य कर रहे हैं। मेरठ के जिलाधिकारी पर विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया गया है।
बसपा ने भी निष्पक्षता न बरतने का आरोप लगाते हुए ऐसे अधिकारियों की सूची आयोग को सौंपी है। बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अलीगढ़, मैनपुरी, इटावा, फतेहपुर, फतेहपुर सीकरी, भदोही जैसे स्थानों का उदाहरण देते हुए कहा कि इनमें कहीं एसपी और कहीं डीएम को इंगित करते हुए तत्काल हटाने की गुजारिश की गयी है।

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