तीन महीने तक यूपी के डीजीपी बने रहेंगे सुलखान सिंह, मिला सेवा विस्तार
डीजीपी सुलखान सिंह को विदाई समारोह के बाद सेवा विस्तार का आदेश मिल गया उनका कार्यकाल 30 सितंबर को पूरा होने वाला था।
लखनऊ (जेएनएन)। डीजीपी सुलखान सिंह के सेवा विस्तार को लेकर चल रही अटकलों पर शुक्रवार को विराम लग गया। सुलखान को तीन माह का सेवा विस्तार मिल गया है। उप्र शासन की ओर से भेजे गए छह माह के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने तीन माह के सेवा विस्तार को मंजूरी दी है। वर्ष 1980 बैच के आइपीएस अधिकारी सुलखान सिंह का शनिवार को कार्यकाल पूरा हो रहा था। शुक्रवार को पुलिस लाइन में उनकी विदाई के लिए रैतिक परेड का आयोजन हुआ, जिसमें सुलखान सिंह अपनी पत्नी सुमन सिंह के साथ शामिल हुए।
ऐन वक्त सेवा विस्तार का दूसरा मौका
उत्तर प्रदेश पुलिस में यह दूसरा मौका है, जब किसी डीजीपी को रैतिक परेड में शामिल होने के बाद सेवा विस्तार मिला। इसके पहले वर्ष 2015 में डीजीपी एके जैन को भी रैतिक परेड में शामिल होने के बाद सेवा विस्तार मिला था। जबकि वर्ष 1983 में डीजीपी श्रीश चंद्र दीक्षित भी सेवा विस्तार पाए थे। डीओपीटी के उपसचिव राजेंद्र कुमार ने शुक्रवार शाम तीन माह के सेवा विस्तार का आदेश जारी कर दिया है। बताया गया कि उप्र शासन ने 27 सितंबर को डीजीपी सुलखान सिंह के सेवा विस्तार का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा था। जहां से प्रस्ताव डीओपीटी गया था और फिर उसे प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा गया था। प्रधानमंत्री कार्यालय से संस्तुति के बाद डीजीपी के सेवा विस्तार को हरी झंडी मिल गई। निकाय चुनाव और त्योहारों पर सुरक्षा-व्यवस्था के लिहाज से डीजीपी को सेवा विस्तार मिलना तय माना जा रहा था। ध्यान रहे, गत दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपराधियों के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई के चलते डीजीपी सुलखान सिंह की प्रशंसा भी की थी।
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विदाई और सेवा विस्तार साथ
सुलखान सिंह की एक तरफ विदाई समारोह के लिए रैतिक परेड हो रही थी तो दूसरी तरफ उनका सेवा विस्तार का आदेश तैयार हो रहा था। किसी डीजी का विदाई समारोह होने के बाद उसके सेवा विस्तार के मौके को लोगों ने एक ऐतिहासिक मौके की तरह देखा। दरअसल डीजीपी के सम्मान में शुक्रवार सुबह आठ बजे पुलिस लाइन में रैतिक परेड का आयोजित की गई। हालांकि इस बीच डीजीपी सुलखान सिंह को सेवा विस्तार मिलने की पूरी उम्मीद बनी रही। इससे पूर्व डीजीपी एके जैन को भी ऐन मौके पर सेवा विस्तार मिला था और रैतिक परेड में शामिल होने के बाद वह फिर डीजीपी की कुर्सी पर बैठे थे। दूसरा मौका सुलखान सिंह को मिला है।
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