नोमेंस लैंड पर नेपाल की दादागिरी, विकसित किए रिहायशी इलाके
लखीमपुर जिले से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के नोमेंस लैंड पर पड़ोसी राष्ट्र नेपाल पूरी दादागिरी पर उतर आया है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े मानकों और नियमों को मुंह चिढ़ाते हुए नोमेंस लैंड पर नेपाल ने न सिर्फ रिहायशी इलाके विकसित कर लिए हैं बल्कि यहां कई ईंट-भ तक स्थापित कर
लखनऊ। लखीमपुर जिले से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के नोमेंस लैंड पर पड़ोसी राष्ट्र नेपाल पूरी दादागिरी पर उतर आया है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े मानकों और नियमों को मुंह चिढ़ाते हुए नोमेंस लैंड पर नेपाल ने न सिर्फ रिहायशी इलाके विकसित कर लिए हैं बल्कि यहां कई ईंट-भ तक स्थापित कर लिए गए हैं। इस अतिक्रमण को लेकर सीमा पर लगी सुरक्षा एजेंसियां, खुफिया तंत्र और प्रशासन भी सकते में है। शासन स्तर पर लिखा-पढ़ी भी की गई है, लेकिन अभी तक समस्या का हल नहीं निकला है।
खीरी से जुड़ी तकरीबन 120 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा है। यह सीमा नोमेंस लैंड के स्तंभ संख्या 98 बंदरिया (बरसोला) थाना तिकुनिया से शुरू होकर स्तंभ संख्या 211 खजुरिया, थाना संपूर्णानगर में समाप्त होती है। स्तंभ संख्या 98 से 124 तक थाना तिकुनिया, स्तंभ संख्या 124 से 154 तक थाना चंदनचौकी, स्तंभ संख्या 154 से 192 तक थाना गौरीफंटा व स्तंभ संख्या 192 से 211 तक थाना संपूर्णानगर क्षेत्र लगता है।
गौरीफंटा, चंदनचौकी व संपूर्णानगर क्षेत्र से सटे भारत-नेपाल सीमा के नोमेंस लैंड पर नेपाल की ओर से अतिक्रमण के मामले सामने आए हैं। इसमें गौरीफंटा बार्डर के निकट नेपाल के ढोका बाजार के पास से संपूर्णानगर के कीरतपुर की ओर जाने वाले रास्ते पर जो नोमेंस लैंड में आता है, वहां नेपाल का किया अतिक्रमण साफ देखा जा सकता है। इस मार्ग पर एसएसबी की चौकी कुआं नंबर आठ तक ही नोमेंस लैंड पर नेपाल की ओर न सिर्फ दो ईंट भ_े लगे हैं बल्कि रिहायशी बस्तियां भी विकसित कर ली गई हैं। इसके अलावा संपूर्णानगर क्षेत्र में पिलर संख्या 199 से 200 के बीच नोमेंस लैंड पर नेपाल ने अपना एक सरकारी स्कूल तक बना लिया है। 20 मई को उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव वन संजीव सरन ने भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र का दौरा किया था। उस दौरान भी नोमेंस लैंड पर नेपाल की ओर से अतिक्रमण किए जाने का मुद्दा उठा था।
खुफिया विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि नेपाल द्वारा नोमेंस लैंड पर अतिक्रमण और स्कूल बनाए जाने का मामला प्रशासन के संज्ञान में आने पर इसकी पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी। नोमेंस लैंड पर पिलरों की जांच और अतिक्रमण के मामलों को देखने भारत सरकार की सर्वे टीम आती है। यह टीम वर्ष 2000 के बाद से नहीं आई है, तब से ही अतिक्रमण के मामले बढ़े हैं।
जिलाधिकारी किंजल सिंह के मुताबिक नोमेंस लैंड पर अतिक्रमण और पिलरों के गायब या क्षतिग्रस्त होने को लेकर एक उच्च स्तरीय टीम का गठन किया गया है। यह टीम सर्वे करके अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद ही असल स्थिति पता चलेगी। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
सीमा पर एसएसबी की 33 चौकियां
भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा के लिए एसएसबी की कुल 33 चौकियां स्थापित हैं। इनमें सात चौकियां तिकुनिया, आठ चंदन चौकी, नौ गौरीफंटा व नौ चौकियां संपूर्णानगर क्षेत्र में हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।