कैबिनेट फैसले : छोटे उद्योगों को रियायत, सस्ती होगी विदेशी शराब
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के पिछड़े जिलों में लघु व मध्यम दर्जे के उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को 15 लाख रुपये ब्याज उपादान देगी। महिला उद्यमियों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण होगा। इसके अलावा पापुलर ब्रांड की विदेशी शराब के दाम घटेंगे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के पिछड़े जिलों में लघु व मध्यम दर्जे के उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को 15 लाख रुपये ब्याज उपादान देगी। ब्याज उपादान योजनाओं मे महिला उद्यमियों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण होगा। तकनीकी उन्नयन करने वाली औद्योगिक इकाइयों को अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति-2016 के प्रारूप को मंजूरी देते हुए नीति को लागू करने का फैसला किया है। नीति के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की वार्षिक विकास दर 12 प्रतिशत रखी जाएगी। नीति के तहत निजी सहभागिता के आधार पर नये औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने का प्रावधान किया गया है। इसमें एमएसएमई विभाग सुगमता प्रदाता (फैसिलिटेटर) की भूमिका निभाएगा। जिला उद्योग केंद्रों को जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। एमएसएमई सेक्टर को ऑनलाइन मार्केटिंग की सुविधा देने के लिए एमएसएमई पोर्टल की स्थापना की जाएगी जिसे चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में निजी क्षेत्र के सहयोग से सोर्सिंग हब और मार्केटिंग हब विकसित किये जाएंगे। उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो में विश्व व्यापार संगठन सेल का गठन किया जाएगा। बौद्धिक संपदा अधिकार प्रकोष्ठ का भी गठन किया जाएगा। निदेशालय स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी का समुचित लाभ प्राप्त करने के लिए सूचना तकनीकी सेल गठित किया जाएगा।
नीति के तहत एमएसएमई सेक्टर को तेजी से विकसित करने के लिए क्लस्टर अप्रोच के अंतर्गत उद्यमियों के उत्पादों, प्रक्रियाओं आदि की अंतरराष्ट्रीय स्तर की टेस्टिंग के लिए मान्यताप्राप्त टेस्टिंग सेंटर्स की स्थापना कराई जाएगी। तकनीकी और प्रबंधन संस्थानों में एमएसएमई इन्क्यूबेशन सेंटरं की स्थापना करायी जाएगी। एमएसएमई सेक्टर में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए राजधानी स्थित उद्यमिता विकास संस्थान को नोडल एजेंसी नामित किया गया है।
उप्र इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन का नया परिसर
एमएसएमई नीति के तहत राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (यूपीआइडी) का नया परिसर विकसित किया जाएगा। नये परिसर की स्थापना के लिए बजट में 17 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। नये परिसर की स्थापना के लिए उप्र आवास एवं विकास परिषद की वृंदावन योजना में जमीन चिन्हित की जा रही है। अभी यूपीआइडी का संचालन महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र परिसर में किया जा रहा है।
अलग-अलग फॉर्म भरने के झंझट से मुक्ति
50 करोड़ रुपये से अधिक निवेश कर उद्योग स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों को अब विभिन्न विभागों से अनापत्ति हासिल करने के लिए न तो अलग-अलग फॉर्म भरने की जरूरत होगी और न ही उनके चक्कर काटने की जहमत उठानी होगी। ऐसे उद्यमियों को अब सिर्फ एक कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म के जरिये ऑनलाइन आवेदन करना होगा। विभिन्न विभागों की डिजिटल सिग्नेचर युक्त आपत्तियां उन्हें इसी एप्लीकेशन फॉर्म पर उद्योग बंधु के जरिये ऑनलाइन हासिल हो सकेंगी। कैबिनेट ने मंगलवार को सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम को मंजूरी दे दी है। सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम के तहत अनापत्तियां जारी करने के लिए विभिन्न विभागों के लिए समयसीमाएं तय की गई हैं। अधिकतम समयसीमा 30 दिनों की है। अब तक प्रचलित व्यवस्था के तहत उद्यमियों को विभिन्न विभागों से अनापत्तियों के लिए अलग-अलग आवेदन पत्र जमा करने होते थे।
अब शेड्यूल्ड बैंक की गारंटी भी कुबूल
राज्य सरकार ने उप्र अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 के तहत उद्यमियों को एक और सुविधा देने का फैसला किया है। नीति के तहत उद्यमियों से ब्याज उपादान के एवज में अब शेड्यूल्ड बैंक की बैंक गारंटी भी स्वीकार होगी। अभी तक सिर्फ राष्ट्रीयकृत बैंकों की बैंक गारंटी ही स्वीकार की जाती थी।
सस्ती होगी विदेशी शराब
शराब के शौकीनों को राहत देने वाली खबर है। राज्य सरकार ने जहां देशी शराब के दाम यथावत रखने का फैसला किया है वहीं पापुलर ब्रांड की विदेशी शराब के दाम घटाएगी। साधारण बीयर के दाम भी नहीं बढ़ेंगे। हालांकि ज्यादा से ज्यादा आबकारी राजस्व हासिल करने के लिए सरकार, शराब की खपत बढ़ाने के साथ ही शराब दुकानों के नवीनीकरण व प्रोसेसिंग शुल्क में इजाफा करने का फैसला किया है। कैबिनेट बैठक में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अगले दो वित्तीय वर्षों (वर्ष 2016-17 व 2017-18) के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दी गई। मंजूर की गई नीति के मुताबिक देशी, विदेशी शराब व बीयर की फुटकर दुकानों, मॉडल शॉप्स तथा थोक लाइसेंस का एक बार फिर नवीनीकरण किया जाएगा।
वैसे तो सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में 19250 करोड़ रुपये (वर्ष 2017-18 के लिए 20,746 करोड़ रुपये) आबकारी राजस्व हासिल करने का लक्ष्य रखा है लेकिन लक्ष्य पाने के लिए देशी शराब के दाम न बढ़ाकर चार फीसद एमजीक्यू (न्यूनतम कोटा) यानी 32.02 करोड़ बल्क लीटर खपत का लक्ष्य तय किया है। चूंकि वर्तमान में विदेशी शराब के दाम पड़ोसी राज्यों से ज्यादा है जिससे बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है इसलिए पापुलर विदेशी शराब के दाम को औसतन 25 फीसद कम करने का निर्णय किया गया है। मसलन, बैगपाइपर व्हिस्की के पौवे का फुटकर मूल्य 135 रुपये से घटकर 100 रुपये रह जाएगा।
50 फीसद तक उपभोग बढ़ेगा
सरकार का मानना है कि विदेशी शराब के दाम घटने से 50 फीसद तक उपभोग बढ़ेगा जिससे राजस्व में इजाफा ही होगा। साधारण बीयर के दाम में भी पांच रुपये तक कमी व अन्य में 15 रुपये की वृद्धि हो सकती है। आबकारी राजस्व में इजाफे के लिए नवीनीकरण के लिए आवेदन व प्रोसेसिंग शुल्क तथा नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी करने का निर्णय भी किया गया है। नीति के तहत आबकारी आयुक्त अपने स्तर से 15 फीसद तक नई शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे सकते हैं। सरकार से अनुमति लेकर और भी दुकानें सृजित की जा सकेंगी। पूर्व की भांति भांग की खुदरा दुकानों का व्यवस्थापन नीलामी के माध्यम से ही किया जाएगा। वित्तीय वर्ष के दौरान नीति के क्रियान्वयन में व्यावहारिक दिक्कतों को दूर करने के लिए आबकारी आयुक्त के प्रस्ताव पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति पर मुख्यमंत्री स्तर से निर्णय लिए जा सकेंगे।
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