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'अच्छे दिन' लाने में नाकाम भाजपा के आएंगे 'बुरे दिन' : मायावती

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो वर्ष के कार्यकाल को शून्य उपलब्धि वाला बताया है। मायावती आज लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर रही थीं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 04 Jun 2016 12:53 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jun 2016 09:37 PM (IST)

लखनऊ(राज्य ब्यूरो)। भाजपा की बढ़ती सक्रियता से चिंतित दिख रहीं बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। मायावती ने दो वर्ष की मोदी सरकार को 'हवाई बयानबाजी व जुमलेबाजी करने वालों की सरकार' बताते हुए कहा कि 'अच्छे दिन' लाने में नाकाम रहने वाली भाजपा के अब 'बुरे दिन' दूर नहीं हैं। भाजपा केवल कांग्रेस के खिलाफ ही जीत पा रही है, इसलिए उप्र का चुनाव उसके लिए लोहे के चने चबाने जैसा होगा। अखिलेश सरकार को भी हर मोर्चे पर विफल बताते हुए कहा कि जनता के लिए सपा व भाजपा एक ही खोटे सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों ही पार्टियां विधानसभा चुना में सूबे में बसपा के बाद दूसरे व तीसरे नंबर पर होंगी।

दो दिन पहले ही लखनऊ पहुंचीं मायावती ने कहा कि दो वर्ष में मोदी सरकार ने ऐसा कुछ भी ठोस काम नहीं किया जिसे जनता सराहे। दबे-कुचले व मुस्लिम समाज की घोर उपेक्षा हुई। पूंजीपतियों के तो 1.14 लाख करोड़ रुपये बैंक कर्ज माफ किए गए लेकिन छोटे कर्जदार उत्पीडऩ से आत्महत्या करने को मजबूर हैं। विदेश से कालाधन तो नहीं ला पाए बल्कि देश के कालेधन को सफेद कर रहे। उन्होंने रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के उस बयान का भी हवाला दिया जिसमें उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को अंधों में काना राजा बताया था।

मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार कांग्रेस के ही पद-चिन्हों पर चल रही है। सीबीआइ का उपयोग विरोधियों को प्रताडि़त करने के लिए किया जा रहा है। 'ललित मोदी कांड, व्यापम, विजय माल्या घोटाला' का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा में भी कांग्रेस की तरह भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं। 'सपा के जंगलराज व भ्रष्टाचार' से बदहाल प्रदेशवासी मोदी सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये से दोहरी मार झेल रहे हैं। सरकार के मुखिया सरकारी समारोहों के जरिए सस्ती लोकप्रियता पर सरकारी धन बर्बाद कर रहे हैं।

भाजपा का दलित प्रेम ढोंग

मायावती ने कहा कि संविधान व आरक्षण की समीक्षा पर जोर देने वाली भाजपा इधर दलित वोटों के स्वार्थ में नाटकबाजी करती दिख रही है। पार्टी ने पहले डा. अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाने की नाटकबाजी की और फिर स्मारक व संग्रहालय बनाने की घोषणा की जबकि यहां बसपा सरकार द्वारा निर्मित डा. अंबेडकर स्मारक सब पर भारी है। भाजपा 'दिल व दिमाग' से यह निकाल दे कि यह सब करके और दलितों के यहां खाना खाने से वह उनका वोट हासिल कर लेगी। 'पदोन्नति में आरक्षण' पर सरकार चुप है। पर्दे के पीछे से भाजपा व आरएसएस कुछ संगठनों को खड़ाकर आरक्षण खत्म कराने की मांग उठवा रही है।

कांग्रेस की कमी से भाजपा जीती

हाल के पांच राज्यों के चुनाव का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस की कमियों के चलते भाजपा के हाथ असम लगा। भाजपा विरोधी सेक्युलर व मुस्लिम वोट बंटने का फायदा भाजपा ने उठाया। गैर-कांग्रेसी पार्टियों के मुकाबले भाजपा को हार मिली। कांग्रेस में इच्छाशक्ति व आक्रामकता की कमी है।

राज्यपाल निशाने पर

मायावती ने कहा कि सपा व भाजपा की मिलीभगत का एक और दुष्परिणाम यह है कि अब राज्यपाल भी मुख्यमंत्री की तरह जिलों का दौरा कर भाजपा के प्रचार में जुटे हैं। राज्यपाल ने हाल में दिए बयान में कहा था कि बजरंग दल का 'शस्त्र ट्रेनिंग प्रोग्राम' गलत नहीं है। ऐसे बयान आपत्तिजनक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जहां केवल अपने संसदीय क्षेत्र की थोड़ी चिंता नजर आती है वहीं अखिलेश सरकार भी अपने पैतृक इलाके'सैफई व इटावा' तक ही सीमित है। मायावती ने कहा कि जिस तरह मोदी को गुजरात में '2002 के नरसंहार' के लिए हमेशा याद किया जाएगा वैसे ही यहां गोंडा में हुए 'करनैलगंज दंगे' के लिए मुलायम सिंह यादव की सरकार को और अब 'मुजफ्फरनगर दंगा व दादरी कांड' के लिए मौजूदा मुख्यमंत्री को भी भुलाया नहीं जा सकता। पूर्व में कांग्रेस सरकार के 'मुरादाबाद व मेरठ के हाशिमपुरा-मलियाना भीषण दंगे' भी कोई भुला नहीं सकता।


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