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    बैंक कर्ज में डूबे दो किसानों को धोना पड़ा जान से हाथ

    हाथरस और फर्रुखाबाद में कर्ज ने दो किसानों की जान ले ली। फर्रुखाबाद के किसान ने काली नदीं में छलांगाकरज का काला अध्याय खत्म कर डाला जबकि हाथरस में बैंक से कर्ज अदायगी का नोटिस पहुंचते ही किसान की हालत बिगड़ी और उसका दम निकल गया।

    By Nawal MishraEdited By: Updated: Fri, 20 May 2016 08:38 PM (IST)

    लखनऊ। हाथरस और फर्रुखाबाद में कर्ज ने दो किसानों की जान ले ली। फर्रुखाबाद के किसान ने काली नदीं में छलांगाकरज का काला अध्याय खत्म कर डाला जबकि हाथरस में बैंक से कर्ज अदायगी का नोटिस पहुंचते ही किसान की हालत बिगड़ी और उसका दम निकल गया।

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    कर्ज की नोटिस ने ली जान

    हाथरस जंक्शन के गांव भदामई के मान सिंह (65) दो साल से फसल बेहतर न होने से परेशान थे। उन्होंने केनरा बैंक से तीन लाख रुपये किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से व चार लाख रुपये ओवरलिमिट (कुल सात लाख रुपये) का कर्जा ले रखा था। एक लाख रुपये साहूकार का कर्जा था। मानसिंह के पास करीब 35 बीघा जमीन है। बताया जाता है कि कर्जा अधिक होने व फसल बेहतर न होने के कारण उनकी हालत कुछ दिनों से लगातार गिर रही थी। इसी बीच बैंक का नोटिस उनके पास आ गया। यह देख मान ङ्क्षसह की हालत गुरुवार देर शाम बिगड़ गई, जिससे उनकी मौत हो गई।

    कर्ज में डूबे किसान ने जान दी

    फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद क्षेत्र के ग्राम गजियापुर निवासी किसान चंद्र प्रताप सिंह (५५) का शव काली नदी में उतराता मिला। चंद्र प्रताप पर भूमि विकास बैंक का कर्जा था। बैंक कर्मी वसूली के लिए दबाव बनाए थे। चंद्र प्रताप ने रूपया जमा करने के लिए २१ मई तक का समय मांगा था। पैसे की व्यवस्था ना होने के चलते चंद्र प्रताप ने शुक्रवार सुबह काली नदी में कूदकर जान दे दी। मृतक के परिजन शव को लेकर मोहम्मदाबाद थाने पहुंच रहे हैं।