यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के खिलाफ जमानती वारंट
प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के हाजिर न होने पर सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने दस हजार रुपये का जमानती वारंट जारी करते हुए आजम खान की उपस्थित के लिए 10 मई की तिथि नियत की है।
लखनऊ (जेएनएन)। आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के संबंध में घोर आपत्तिजनक एवं मानहानिकारक टिप्पणी करने के आरोपों वाले शिकायती परिवाद में प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के हाजिर न होने पर सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने दस हजार रुपये का जमानती वारंट जारी करते हुए आजम खान की उपस्थित के लिए 10 मई की तिथि नियत की है। अमिताभ ठाकुर की ओर से दायर इस परिवाद पर कोर्ट ने वादी के बयान एवं प्रमुख समाचार- पत्रों में प्रकाशित समाचार का संज्ञान लेते हुए सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने गत 20 दिसंबर को तलबी आदेश पारित करते हुए आजम खां को 24 जनवरी के लिए धारा-500, 504 एवं 505 भा.दं.स. के अंतर्गत तलब करते हुए अदालत के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया था, लेकिन वह अदालत में हाजिर नहीं हुए।
पिछली तिथि को वादी की ओर से वारंट जारी करने का अनुरोध किया गया था। जिस पर अदालत ने वादी को निर्देश दिया था कि वह आरोपी के विरुद्ध पंजीकृत डाक से समन भेजे। समन भेजने पर भी आजम खां के उपस्थित न होने पर अदालत ने उन पर पर्याप्त तामील को मानते हुए जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है। वादी ने अदालत के समक्ष परिवाद के साथ लखनऊ के प्रतिष्ठित समाचार पत्र में प्रकाशित खबरों की प्रतियां दाखिल कर कहा है कि आजम खान 30 नवंबर, 2015 को रामपुर के एक कार्यक्रम में वादी को आरएसएस में शामिल होने के साथ-साथ बेहूदा एवं छिछोरा अफसर कहते हुए कहा है कि उसे जेल में होना चाहिए। परिवाद में आरोप है कि आजम खान ने वादी को प्रशासनिक अधिकारी के नाम पर कलंक बताया तथा कहा कि आइजी अमिताभ ठाकुर रामपुर में आकर दंगा फसाद कराना चाहते थे। परिवाद के समर्थन में वादी अमिताभ ठाकुर के अलावा उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर एवं गवाह त्रिपुरेश त्रिपाठी ने गवाही दी है।
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