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    तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली निदा खान और फरहा फैज पर हमला

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Thu, 04 May 2017 11:00 PM (IST)

    तीन तलाक के विरोध में आंदोलन का आगाज करने वाली महिलाओं पर आज कई जगह हमले किए गए। इनमें सहारनपुर की फरहा फैज और बरेली की निदा खान शामिल हैं।

    तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली निदा खान और फरहा फैज पर हमला

    लखनऊ (जेएनएन)। तीन तलाक के विरोध में आंदोलन का आगाज करने वाली महिलाओं पर आज कई जगह हमले किए गए। इनमें सहारनपुर में राष्ट्रवादी मुस्लिम महिला संघ अध्यक्ष फरहा फैज और बरेली में आला हजरत खानदान के नबीरे आला हजरत अंजुम मियां और उनके बेटे शीरान रजा खां के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली निदा खान हमले का शिकार बनीं।

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    तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली निदा पर हमला

    आला हजरत खानदान के नबीरे आला हजरत अंजुम मियां और उनके बेटे शीरान रजा खां के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली निदा खान के घर मुरीदों ने हमला कर दिया। इस हमले में निदा भी घायल हुई हैं। तहरीर के मुताबिक पुराना शहर निवासी निदा खान के  भाई मोईन हसन खान को गुरुवार शाम रास्ते में शबाब आलम और अन्य लोगों ने रोक लिया और हाथापाई की कोशिश की। आसपास के लोगों के बीचबचाव करने पर धमकी देकर चले गए। निदा का आरोप है कि भाई के घर पहुंचने के दस मिनट बाद ही 20-25 लोगों ने उनके घर पर हमला कर दिया। गाली गलौज करते हुए लोग उनके घर में घुस गए। कुछ लोगों के हाथों में केन भी थी। निदा खां भाई को बचाने दौड़ीं तो उन पर भी हमला किया और धक्का दिया। निदा के मुताबिक हमलावर खुद को अंजुम और शीरान मियां के मुरीद बता रहे थे। उनलोगों ने जान से मारने की धमकी भी दी। सीओ तृतीय इंदुप्रभा का कहना है कि कुछ शरारती लोगों की बात सामने आई है। निदा ने सुरक्षा की मांग की है। इस बारे में उच्च अधिकारियों के निर्देश पर विचार किया जाएगा।

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    निदा खान का मामला 

    बारादरी में शाहदाना निवासी निदा खान का निकाह 18 फरवरी 2015 को आला हजरत खानदान के शीरान रजा के साथ हुआ था। निदा का आरोप है कि ससुराल में उनसे दहेज में लग्जरी गाड़ी लाने को लेकर मारपीट हुई और तरह-तरह से उत्पीडऩ किया गया। इससे उनका गर्भपात हो गया। इसके बाद तलाक दिया गया लेकिन मेहर की रकम नहीं अदा की गई। दहेज का सामान भी वापस नहीं किया गया। इसका मामला कोर्ट में चल रहा है।22 दिसंबर 2016 को निदा खान जब कोर्ट में हर्जाना लेने पहुंची तो भी उन्हें धमकियां दी गई थीं। एसपी सिटी के स्तर पर इसकी जांच चल रही है। कोर्ट परिसर में धमकी मिलने के बाद निदा खान को पुलिस की ओर से सुरक्षा भी मुहैया कराई गई थी, मगर कुछ ही दिन बाद इसे वापस ले लिया गया। दहेज का सामान वापसी को लेकर निदा खान ने फैमिली कोर्ट में ससुराल पक्ष के लोगों पर मुकदमा किया है। गुरुवार को इस मामले में निदा से बहस पूरी हो गई। नबीरे आला हजरत अंजुम मियां की ओर से कहा गया है कि मेरी जानकारी में आया है कि मोटर साइकिल निकालने को लेकर मुईन और शहाब आलम में झगड़ा हुआ है। इससे कोई ताल्लुक नहीं है।

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     सहारनपुर में फरहा फैज की गाड़ी पर हमला

    राष्ट्रवादी मुस्लिम महिला संघ अध्यक्ष फरहा फैज और उनके गनर के साथ सहारनपुर में गुरुवार को गाली-गलौज व मारपीट की गई। देवबंद में कांफ्रेंस की अनुमति न मिलने पर फरहा ने सहारनपुर के हकीकत नगर में धरनास्थल से अपना आंदोलन शुरू करने की घोषणा की। गुरुवार को सुबह वह अपने गनर विर्दोष व एक महिला मित्र शकीला के साथ मंडी कोतवाली क्षेत्र के खाताखेड़ी पहुंचीं। वहां एक बस खड़ी थी, जिसमें उनके आने से पहले ही महिलाएं बैठी थीं। बकौल फरहा, अचानक उनके समाज के 30-40 लोगों  ने गाली गलौज करते हुए बस से महिलाओं को नीचे उतार लिया और बस के आगे खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। विरोध पर उनके साथ मारपीट की। बीच-बचाव में आए गनर के साथ भी मारपीट की गई। फरहा ने बताया कि इस घटना के बाद वह धरनास्थल पर आ गई। करीब एक घंटे बाद वह महिलाएं भी धरनास्थल पर आ गई, जिन्हें अज्ञात लोगों ने बस से उतारा था। पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गई। पुलिस ने कहा कि मौके पर जिन लोगों को अज्ञात बताया जा रहा है, हकीकत में वह लोग बस में बैठी महिलाओं के परिजन थे। मौके पर कोई हंगामा नहीं हुआ है। 

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    हो सकती मेरी हत्या : फरहा

    फरहा फैज का कहना है कि देवबंद की गिनती की महिलाएं कट्टरपंथी पुरुषों के दबाव में आकर विरोध में उतर आईं। गुरुवार को उनके साथ जो हुआ और लगातार जिस तरह उन्हें धमकी मिल रही है, उससे लगता है कि उनकी हत्या हो सकती है। इसके चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर गाजियाबाद वैशाली स्थित उनके आवास पर 12 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। फरहा ने बताया कि 8 अप्रैल को वह लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलीं थीं। उन्हीं के आग्रह पर ही तलाकशुदा महिलाओं के जीवन यापन व भरण-पोषण के लिए मुख्यमंत्री ने हर जिले में आश्रयस्थल बनवाने की योजना लागू करने के आदेश दिए। कहा कि शरई अदालतें खत्म होनी चाहिए। दारुल उलूम के विरोध का उनपर कोई फर्क नहीं पडऩे वाला। 

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