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    मोदी-अखिलेश अच्छे, मुलायम वादाखिलाफ : हाशिम अंसारी

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Mon, 09 May 2016 10:35 AM (IST)

    अयोध्या विविदित ढांचे मामले का शांतिपूर्ण हल निकालने के हिमायती एवं बाबरी ढांचे के मुद्दई हाशिम अंसारी सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से नाराज़ है। हाशिम ...और पढ़ें

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    लखनऊ। अयोध्या के बाबरी मामले के मुद्दई मो. हाशिम अंसारी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जमकर प्रशंसा की और कहा कि ये दोनों नेता जिस अंदाज में काम कर रहे हैं, वह मुल्क और सूबे के लिए बेहतर है।

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    अखिलेश से मुलायम की तुलना का सवाल खड़ा होने पर उन्होंने सपा मुखिया को कठघरे में खड़ा किया। कहा कि अपने बेटे के विपरीत मुलायम सिंह कहते तो बहुत कुछ हैं पर उस पर अमल नहीं करते। वह वादाखिलाफी करते हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि मुलायम सिंह ने किस मसले पर वादाखिलाफी की है।

    प्रधानमंत्री मोदी देश के सबसे अच्छे नेता

    इससे पूर्व भी हाशिम ने प्रधानमंत्री को देश का सबसे अच्छा नेता बताकर उनके विरोधियों को हतप्रभ कर दिया था। अपने आवास पर आज अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने अदालत की अनदेखी कर मंदिर निर्माण की घोषणा पर कड़ा एतराज जताया है। कहा कि यदि ऐसी कोशिश हुई तो मुल्क को अराजकता का सामना करना पड़ेगा। वह राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण न्यास के अध्यक्ष महंत जन्मेजयशरण के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिन्होंने आज एक कार्यक्रम के दौरान कभी भी मंदिर निर्माण शुरू करने का एलान किया। हालांकि बाबरी मस्जिद के मुद्दई ऐसे बयान से विचलित नहीं नजर आए और उन्होंने ऐसे बयानों को शोशेबाजी करार दिया। उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास व्यक्त किया और उनकी तारीफ की।

    मुलायम ने आज़म को खरीद लिया

    हाशिम अंसारी सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से नाराज़ है। हाशिम अंसारी ने अयोध्या में एक अन्य बयान में कहा कि मुलायम सिंह ने आज़म खां को खरीद लिया है। अयोध्या मामले को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हाशिम का परिवार कई पीढ़ियों से अयोध्या में रह रहा है. वह 1921 में पैदा हुए, 11 साल की उम्र में सन् 1932 में उनके पिता का देहांत हो गया। दर्जा दो तक पढाई की फिर सिलाई यानी दर्जी का कम करने लगे। यहीं पड़ोस में फैजाबाद में उनकी शादी हुई। उनके बच्चे एक बेटा और एक बेटी है। उनके परिवार की आमदनी का कोई खास ज़रिया नहीं है। छह दिसंबर 1992 के बलवे में बाहर से आए दंगाइयों ने उनका घर जला दिया पर अयोध्या के हिंदुओं ने उन्हें और उनके परिवार को बचाया।