Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वाह क्या बात हैः प्रधानमंत्री के बाद अब राष्ट्रपति भी उत्तर प्रदेश से

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Tue, 20 Jun 2017 03:24 PM (IST)

    यूपी वालों को अब खुश होने का एक और मौका है कि देश के प्रधानमंत्री और देश के राष्ट्रपति दोनों ही उत्तर प्रदेश से होंगे। इससे बड़ी और अच्छी बात क्या हो सकती है।

    वाह क्या बात हैः प्रधानमंत्री के बाद अब राष्ट्रपति भी उत्तर प्रदेश से

    लखनऊ [आशीष मिश्र]। यूपी वालों को अब खुश होने का एक और मौका मिला है। जब देश के प्रधानमंत्री और देश के राष्ट्रपति दोनों ही उत्तर प्रदेश से होंगे। प्रदेश के लिये इससे बड़ी और अच्छी बात क्या हो सकती है। बताते चलें कि प्रधानमंत्री का जन्म भले ही यूपी में न हुआ हो लेकिन उन्होंने अपनी कर्मस्थली यूपी को बना लिया है और वह वाराणसी से सांसद हैं। इसके अलावा अब राष्ट्रपति भी यूपी से ही चुना जाना तय माना जा रहा है। क्योंकि एनडीए गठबंधन ने कानपुर देहात निवासी और बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को अपना राष्ट्रपति का उम्मीदवार तय कर दिया है। एेसे में उनका राष्ट्रपति चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। इस प्रकार देश और सरकार दोनो का ही प्रमुख यूपी से होना यहां के लोगों के लिये दोहरी खुशी लेकर आया है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से 

    नरेन्द्र मोदी का जन्म तत्कालीन बॉम्बे राज्य के महेसाना जिला स्थित वडनगर ग्राम में हीराबेन मोदी और दामोदरदास मूलचन्द मोदी के एक मध्यम-वर्गीय परिवार में 17 सितम्बर 1950 को हुआ था। युवावस्था में वह छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए | उन्होंने साथ ही साथ भ्रष्टाचार विरोधी नव निर्माण आन्दोलन में हिस्सा लिया। एक पूर्णकालिक आयोजक के रूप में कार्य करने के पश्चात् उन्हें भारतीय जनता पार्टी में संगठन का प्रतिनिधि मनोनीत किया गया। किशोरावस्था में अपने भाई के साथ एक चाय की दुकान चला चुके मोदी ने अपनी स्कूली शिक्षा वड़नगर में पूरी की।[उन्होंने आरएसएस के प्रचारक रहते हुए 1980 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर परीक्षा दी और एम॰एससी॰ की डिग्री प्राप्त की। 2014 लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ३३६ सीटें जीतकर सबसे बड़े संसदीय दल के रूप में उभरा वहीं अकेले नरेन्द्र मोदी स्वतन्त्र भारत में जन्म लेने वाले ऐसे व्यक्ति हैं जो सन 2001 से 214 तक लगभग 13 साल गुजरात के मुख्यमन्त्री रहे और अब वह वाराणसी से सांसद होने के साथ ही भारत के 15 वें प्रधानमन्त्री हैं।

    और राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद कानपुर देहात से 

    रामनाथ कोविंद का जन्म कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के गांव परौंख में 1945 में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हुई। कानपुर नगर के बीएनएसडी इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद डीएवी कॉलेज से बी कॉम व डीएवी लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद दिल्ली में रहकर तीसरे प्रयास में आईएएस की परीक्षा पास की, लेकिन मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी। कोविंद जी कल्यानपुर, कानपुर के न्यू आजाद नगर मकान में 1990 से 2000 तक किराये पर रहे। रामनाथ कोविंद कोरी या कोली जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। 

    आपातकाल के बाद जून 1975 में उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में वकालत से कॅरियर की शुरुआत की। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद रामनाथ कोविंद तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव बने। इसके बाद वे भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए। कोविंद को पार्टी ने 1990 में घाटमपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया लेकिन वह चुनाव हार गए। वर्ष 1993 व 1999 में पार्टी ने उन्हें प्रदेश से दो बार राज्यसभा में भेजा। पार्टी के लिए दलित चेहरा बन गये कोविंद अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रवक्ता भी रहे। घाटमपुर से चुनाव लडऩे के बाद रामनाथ कोविंद लगातार क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं से संपर्क में रहे।