लखनऊ की मुन्नी देवी खेती के साथ राजनीति में ठोक रहीं ताल
कठवारा गांव की रहने वाली मुन्नी देवी गांव की राजनीति में सक्रिय रहने के साथ ही खेती का कामकाज भी खुद संभालती हैं।
लखनऊ (नीरज सिंह)। माना जाता है कि खेती मेहनत का काम है और इसे महिलाएं नहीं कर सकतीं, लेकिन कई महिलाओं ने इस मिथक को तोड़ दिया है। आज कई महिला किसान घर के कामकाज से लेकर खेती तक की जिम्मेदारी खुद संभाल रही हैं। इन्हीं में एक हैं राजधानी के बख्शी का तालाब की मुन्नी देवी।
कठवारा गांव की रहने वाली मुन्नी देवी गांव की राजनीति में सक्रिय रहने के साथ ही खेती का कामकाज भी खुद संभालती हैं। शिक्षा के नाम पर वह बस अपने हस्ताक्षर कर लेती हैं, लेकिन अनुभव के मामले में अच्छे-अच्छे पढ़े लिखे उनका सामना नहीं कर पाते। वह किसी से कम नहीं। करीब 12 वर्ष पूर्व वह कठवारा गांव से क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) का चुनाव जीती थीं। घर का कामकाज संभालने के साथ ही खेतों में बोवाई से लेकर सिंचाई और फसल तैयार कराने तक का काम वह खुद ही संभालती हैं।
खेती करने के साथ ही पशुपालन से होने वाली आमदनी से वह न सिर्फ खुश हैं बल्कि गांव में मकान बनाने के साथ ही नदी किनारे अपने खेत में एक मकान भी बना लिया है। बकौल मुन्नी देवी खेत में मकान होने से फसल की रखवाली और खेती का कामकाज समय से व सहजता से हो जाता है।
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परिवार में पति और पांच लड़के हैं, लेकिन वह हर कार्य में सक्रिय रहती हैं। राजनीति में क्षेत्र पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के बाद गांव की प्रधानी के चुनाव में वह महज 68 वोटों से चुनाव हार गईं थी। प्रधानी के बाद जिला पंचायत का चुनाव लड़ा पर सफलता नहीं मिल सकी, लेकिन इस चुनाव में डेढ़ हजार के करीब वोट हासिल किये थे। इस महिला किसान का कहना है कि काम कोई भी हो मन और हौसले के साथ करना चाहिए सफलता जरूर मिलेगी।
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