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    खौफ-ए-आजम : मकान बचाने को 80 परिवारों ने कबूल किया इस्लाम

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 14 Apr 2015 08:16 PM (IST)

    अतिक्रमण की जद में आए अपने आवासों को बचाने के लिए रामपुर की वाल्मीकि बस्ती के 80 परिवारों ने आज सांकेतिक रूप से इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। प्रशासन की सख्ती और उलेमा द्वारा धर्म परिवर्तन करवाने से इन्कार पर परिवार के सदस्यों ने मुस्लिम टोपी पहन कर धर्म परिर्वतन

    लखनऊ। अतिक्रमण की जद में आए अपने आवासों को बचाने के लिए रामपुर की वाल्मीकि बस्ती के 80 परिवारों ने आज सांकेतिक रूप से इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। प्रशासन की सख्ती और उलेमा द्वारा धर्म परिवर्तन करवाने से इन्कार पर परिवार के सदस्यों ने मुस्लिम टोपी पहन कर धर्म परिर्वतन की घोषणा की। इसके पहले सभी ने कैबिनेट मंत्री आजम खां पर आरोप लगाया कि उनके भय से ही मौलाना धर्म परिवर्तन नहीं करा रहे हैं। ऐसे में हम लोगों के आवास अब नहीं बचेंगे, जिससे हम सभी ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की भी मांग की है। इस बीच मामले को लेकर अनशन पर बैठे तीन की लोगों हालत बिगड़ गई। विश्व हिन्दू परिषद और वाल्मीकि महासभा ने सपा सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन छेडऩे का ऐलान किया।

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    पिछले दिनों रामपुर नगर पालिका की ओर से तोपखाना स्थित वाल्मीकि बस्ती में चौड़ी सड़क बनाने के लिए अतिक्रमण का सीमांकन किया गया था। करीब 55 मकान जद में आ गए थे। पालिका की कार्रवाई के खिलाफ वाल्मीकि समाज के लोग एक सप्ताह से आंदोलन कर रह हैं। तीन दिन से अनिश्चितकालीन अनशन चल रहा है। इस बीच वाल्मीकियों ने बताया था कि नगर पालिका के कर्मचारी सिब्ते नबी ने उनसे कहा कि वह इस्लाम धर्म अपना लें तो उनके मकानों को नहीं तोड़ा जाएगा। इस बात पर उन्होंने 14 अप्रैल को इस्लाम धर्म अपनाने का ऐलान किया था। इसको लेकर आज बस्ती में सुबह से ही सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर दिए गए। अधिकारियों ने वाल्मीकि समाज के लोगों से बात की तो उन्होंने मकान तोडऩे का फैसला वापस लेने की मांग की। इसी दौरान अनशन पर बैठे मोहन लाल, बाबू लाल और मलखान सिंह की हालत बिगड़ गई। सीएमओ ने डॉक्टरों के पैनल से परीक्षण कराया। इसके कुछ देर बाद बस्ती में वाल्मीकि समाज की बैठक हुई। उसके बाद राष्ट्रपति को फैक्स किया गया, जिसमें बस्ती के 80 परिवारों ने सामूहिक इच्छा मृत्यु की मांग की है। दोपहर को विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष मनोज व्यास, वाल्मीकि महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लल्ला बाबू द्राविड बस्ती पहुंच गए। उन्होंने धर्म परिवर्तन के फैसले पर चिंता जताई। वाल्मीकि समाज को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया और सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन का ऐलान कर दिया। इसके कुछ देर बाद ही भाजपा कार्यकर्ता भी धरना स्थल पर पहुंच गए। उनकी पुलिस से नोकझोंक हुई। वाल्मीकि समाज ने जिला स्तर पर सफाई व्यवस्था ठप करने का ऐलान कर दिया। मांग न मानने पर प्रदेश की सफाई व्यवस्था चौपट करने की भी धमकी दी। इसके बाद दोपहर बाद तीन बजे वाल्मीकि समाज के लोगों ने अचानक सांकेतिक तौर पर इस्लाम धर्म कबूल करने का ऐलान कर दिया। बस्ती में आठ सौ मुस्लिम टोपियां बांटी गई। भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के राष्ट्रीय प्रमुख भीम अनार्य समेत तमाम लोग टोपियां पहनकर बाहर आ गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि नगर विकास मंत्री आजम खां के डर की वजह से कोई उलेमा उन्हें बस्ती में आकर धर्म परिवर्तन कराने को तैयार नहीं है। पुलिस ने बस्ती को चारों ओर से घेर लिया है, इसलिए बाहर के उलेमा भी नहीं आ पा रहे है। ऐसे में वे लोग सांकेतिक तौर पर मुस्लिम टोपी को प्रतीक मानकर इस्लाम कबूल कर रहे है, कोई मुस्लिम धर्म गुरु बस्ती आकर विधिवत रूप से इस्लाम धर्म कबूल कराए तो वे इसके लिए तैयार है। बस्ती के लोगों के टोपी पहनने के बाद सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।