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    एसिड अटैकः उत्तर प्रदेश की राजधानी में बेखौफ रहते अपराधी

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sun, 02 Jul 2017 09:36 PM (IST)

    लखनऊ ks अलीगंज क्षेत्र में रात रायबरेली की सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता पर तेजाब फेंका गया। इससे चेहरा झुलस गया है। आज अस्पताल में फिर तेजाब फेका गया।

    एसिड अटैकः उत्तर प्रदेश की राजधानी में बेखौफ रहते अपराधी

    लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर पप्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी अपराधी बेखौफ हैं। सामूहिक दुष्कर्म, उसके बाद तेजाब से हमला और चौबीस घंटे के भीतर दोबारा हमला जैसी दुःसाहसिक वारदात को अंजम देने में बेझिझक आगे बढ़ते जा रहे हैं। अलीगंज क्षेत्र में रात रायबरेली निवासी सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने तेजाब फेंक दिया। हमले में पीडि़ता का चेहरा और कंधा झुलस गया है, जिसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।

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    पीडि़ता के मुताबिक वह हॉस्टल से नीचे उतरी थी, उसी दौरान किसी ने तेजाब से हमला कर दिया। पुलिस ने पीडि़ता को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया है। एसिड अटैक की जानकारी मिलने पर महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन एडीजी जोन और आइजी रेंज के अलावा अन्य अधिकारी ट्रामा सेंटर पहुंच गए। इससे पहले इस साल 23 मार्च को महिला ने ट्रेन में जबरदस्ती तेजाब पिलाए जाने का आरोप लगाया था। वर्ष 1999 में रायबरेली स्थित गांव में घर बनवाते वक्त पांच फुट जमीन को लेकर पीडि़ता का विवाद पड़ोसी त्रिभुवन सिंह से हुआ था। पीडि़ता ने त्रिभुवन सिंह, उनके बेटे भोंदू, ननकऊ और गुड्डू के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, एसिड अटैक, अपहरण और अन्य धाराओं मे रिपोर्ट दर्ज कराया था। त्रिभुवन सिंह ने भी वर्ष 2010 में पीडि़ता और उसके पति के खिलाफ लूट का मुकदमा लिखाया था।

    नहीं हो सका बयान

    मामले में पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। रविवार को एसएसपी दीपक कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने पीडि़ता से मुलाकात का प्रयास किया लेकिन, असफल रहे। एसएसपी के मुताबिक पीडि़ता की ओर से अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने पीडि़ता का बयान लेने की अनुमति नहीं दी। तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

    सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मी 

    अलीगंज पुलिस ने रविवार को गल्ला मंडी स्थित हॉस्टल में छानबीन की पर कोई सफलता नहीं मिली। सीओ अलीगंज विवेक त्रिपाठी के मुताबिक, घटनास्थल से एक पानी का बोतल और उसका ढक्कन बरामद किया गया है। आसपास के लोगों और हॉस्टल में रहने वाली महिलाओं से पूछताछ की गई है। अभी तक की जांच में किसी ने भी हमलावर को देखने की बात नहीं कही है।

    ड्यूटी बदलने के दौरान वारदात

    पीडि़ता की सुरक्षा में तैनात गनर संदीप कुमार का कहना है कि वह शुरू से ही दिन में महिला की सुरक्षा में तैनात हैं। रात में पुलिस लाइन से राधा मोहन यादव ड्यूटी करते हैं। संदीप के मुताबिक, रात आठ बजे पीडि़ता हॉस्टल के भीतर थी, जिसके बाद वह उसे बताकर घर के लिए निकल गए थे। रात आठ बजे के बाद राधा मोहन की ड्यूटी थी। हॉस्टल पहुंचने पर राधा मोहन ने संदीप को फोन कर पीडि़ता पर एसिड अटैक की जानकारी दी, जिसके बाद वह ट्रामा सेंटर पहुंचे। संदीप का कहना है कि ड्यूटी बदली के दौरान एसिड अटैक की वारदात हुई है।

    चीख सुनकर गई थी महिला कांस्टेबल 

    हॉस्टल में एक महिला कांस्टेबल प्रीती भी रहती है। सीओ अलीगंज के मुताबिक हॉस्टल में रहने वाली महिलाओं ने भी हमलावर को नहीं देखा। प्रीती का कहना है कि वह बर्तन धो रही थी। इसी बीच चीख सुनकर वह बाहर नल के पास पहुंची, जिसके बाद उसे घटना की जानकारी हुई। वहीं, हॉस्टल के गार्ड ने भी परिसर में किसी को प्रवेश करते हुए नहीं देखा था।

    घर पर मिली आरोपितों की लोकेशन 

    पत्नी पर तेजाब से हमले की जानकारी पाकर पीडि़ता का पति शनिवार देर रात ट्रामा पहुंचा। रविवार को उससे बात करने का प्रयास किया गया तो उसने इस मामले में कुछ भी बोलने से मना कर दिया। उधर, पुलिस ने पीडि़ता से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपितों भोंदू और गुड्डू सिंह की लोकेशन की जांच की तो वे रायबरेली में मिले।