Move to Jagran APP

जेएनयू में कोई राष्ट्रद्रोही नहीं हो सकता: आजम

आजम खां ने जेएनयू प्रकरण में लगे आरोपों को गलत करार देते हुए कहा कि जेएनयू के लोग कोई ऐसी बात कह ही नहीं सकते जो राष्ट्र के खिलाफ हो। भाजपा देश में केसरिया शिक्षा लागू करना चाहती है इसलिए भाजपा ने अपने एजेंट्स घुसाकर देश विरोधी नारे लगवाए।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 10:19 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2016 10:47 AM (IST)
जेएनयू में कोई राष्ट्रद्रोही नहीं हो सकता: आजम

लखनऊ। नगर विकास मंत्री आजम खां ने जेएनयू प्रकरण में लगे आरोपों को गलत करार देते हुए कहा कि जेएनयू के लोग कोई ऐसी बात कह ही नहीं सकते जो राष्ट्र के खिलाफ हो। भाजपा देश में केसरिया शिक्षा लागू करना चाहती है इसलिए भाजपा ने अपने एजेंट्स घुसाकर देश विरोधी नारे लगवाए। रामपुर में मीडिया से बात करते हुए आजम ने कहा कि जो बात बीजेपी कह रही है, सच नहीं है। जांच होनी चाहिए। जेएनयू तो बहुत सेक्युलर यूनिवर्सिटी का नाम है, वो लोग कोई ऐसी बात नहीं कह सकते जो राष्ट्र के खिलाफ हो। भाजपा ने अपने एजेंट््स घुसाकर ऐसे नारे लगवाए हैं। सरकार जेएनयू को बंद करना चाहती है, जैसे एएमयू और जामिया के साथ हुआ। एजुकेशन पैटर्न को बदलना है, केसरिया शिक्षा हो, ऐसी कोशिश है। यदि बिहार और दिल्ली में भाजपा को झटका न लगा होता तो वह पूरे देश का नक्शा बदल चुकी होती।

loksabha election banner

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा के बारे में फिर पुराना राग अलापते हुए आजम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक दिन अफगानिस्तान से उड़ान भरी और पाकिस्तान पहुंच गए। यह अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हुआ। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का प्रधानमंत्री जब घर से बाहर निकलता है, तो इंटेलीजेंस की क्लीयरेंस होती है। कोई भी कार्यक्रम खुद दिल्ली के अंदर उस वक्त तक मैच्योर नहीं हो सकता, जब तक इंटेलीजेंस की क्लीयरेंस न हो। बगैर सिक्योरिटी क्लीयरेंस के भारत के प्रधानमंत्री के जाने का मतलब जाहिर है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का नौ साल का बच्चा रॉकेट लांचर से जहाज गिराता है, ऐसे में सवाल उठता है कि इन हालात के लिए किसने मजबूर किया, रूस ने या अमेरिका ने। जो लोग अपने टारगेट पूरे करने के लिए जिस्म पर बम लगा लेते हों उनके सामने एक दिन नहीं बल्कि दस बीस सौ साल आगे का भविष्य होता है। हमारे यहां तो बड़े हादसे हुए हैं। दुनिया ने भी बहुत से लोगों को मरते देखा है। अब्राहम ङ्क्षलकन, बापू, कैनेडी के साथ भी हादसा हुआ था। हमारी आंखों में इतनी दूरदर्शिता नहीं है, तो हमें बड़ी गद्दियों पर बैठने का कोई हक नहीं होना चाहिए। इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद क्या नतीजा हुआ, किसे नहीं मालूम राजीव गांधी के साथ क्या हुआ, लेकिन अगर हम इतिहास को भूलकर नई गलती करेंगे तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे। आजम ने कहा कि दो मिनट के लिए सोचिए कि अगर भारत के प्रधानमंत्री के साथ कोई हादसा हो गया होता, तो आज हिन्दुस्तान की शक्ल क्या होती। सिर्फ एक पूंजीपति के कहने से देश के प्रधानमंत्री बगैर किसी सूचना के पाकिस्तान चले जाएंगे, ये हिन्दुस्तान ने क्यों नहीं सोचा। कोई और देश होता बगावत हो जाती। एक मिनट कोई गद्दी पर बैठने की इजाजत नहीं देता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.