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    हाईकोर्ट बेंच को लेकर पश्चिम उत्तर प्रदेश में आज हड़ताल

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    Updated: Mon, 17 Nov 2014 10:08 AM (IST)

    लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने अब प

    लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने अब पूरी तरह कमर कस ली है। आज मेरठ, सहारनपुर एवं मुरादाबाद मंडल समेत पश्चिम उप्र के सभी जिलों के अधिवक्ता बेंच की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। साथ ही हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उप्र की आज मेरठ में बैठक होनी है। बैठक में बेंच की स्थापना को लेकर आंदोलन को प्रभावी बनाने एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने समेत कई अहम निर्णय लिए जाने की संभावना है।

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    केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री और आगरा के सांसद डा. रामशंकर कठेरिया के हाल ही में दिए गए बयान 'आगरा में स्थापित होगी अब हाईकोर्ट बेंच' से आंदोलन में एकाएक तेजी आई है। वहीं, कई दशकों से बेंच आंदोलन से जुडे़ पश्चिमी उप्र के अधिवक्ता भी जबरदस्त ढंग से एकजुट हुए हैं। बेंच की मांग को लेकर एकजुटता का ही परिणाम है कि आज मेरठ, सहारनपुर एवं मुरादाबाद मंडल समेत पश्चिमी उप्र के सभी जिलों के अधिवक्ता हड़ताल पर हैं। इनमें अलीगढ़ व अन्य जिलों के अधिवक्ता भी शामिल हैं। इसके लिए केंद्रीय संघर्ष समिति ने सभी को अपना संदेश भेज दिया है।

    हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर आगे की रणनीति बनाने और मुद्दे को प्रभावी ढंग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष रखने की तैयारी हो रही है। इसके लिए आज केंद्रीय संघर्ष समिति के पंडित नानक चंद सभागार में सुबह 11 बजे से समिति की बैठक हो रही है। बैठक में सभी जिलों की बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व सचिव आदि शामिल होंगे। समिति की बैठक का मुख्य मुद्दा यही होगा कि कैसे अब बेंच की मांग को प्रभावी ढंग से उठाया जाए? समिति के चेयरमैन धीरेंद्र दत्त शर्मा ने बताया कि आज हड़ताल है।

    संसद सत्र से पूर्व मिलने की तैयारी

    बेंच स्थापना की मांग को लेकर अधिवक्ता अब केंद्र सरकार के मंत्रियों से भी प्रभावी पैरवी चाहते हैं। इसके लिए कानून मंत्री से मिलने के साथ ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह आदि से भी मिलने की तैयारी है। बकौल, समिति चेयरमैन लोकसभा चुनाव से पूर्व ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अधिवक्ताओं को आश्वासन दिया था कि केंद्र में सरकार आने पर बेंच की मांग पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इसलिए अधिवक्ता अब गृहमंत्री को उनका आश्वासन याद दिलाना चाहते हैं। 24 नवंबर से संसद का सत्र भी शुरू हो रहा है। ऐसे में अधिवक्ताओं का प्रयास है कि उससे पूर्व ही मंत्रियों व प्रधानमंत्री से बेंच की स्थापना को लेकर प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात हो जाए।