रामवीर पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति जल्द
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जागरण ब्यूरो, लखनऊ : आय से अधिक सम्पत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में सतर्कता विभाग के शिकंजे में फंसे मायावती सरकार के नौ मंत्रियों में आठ के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति मिल चुकी है। पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय के मामले में शासन स्तर पर औपचारिकता पूरी करने में तेजी आ गयी है। सतर्कता और न्याय विभाग ने आवश्यक पत्रावलियों की छानबीन कर ली है। जल्द ही मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मिल जायेगी।
सतर्कता विभाग ने खुली जांच पूरी कर एक मई को ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए शासन के पास अनुमति पत्र भेजा है। सतर्कता विभाग ने उन पर धोखाधड़ी, षड्यंत्र, दस्तावेजों में हेराफेरी, अमानत में खयानत समेत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत आय से अधिक सम्पत्ति और पद के दुरुपयोग समेत कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। उपाध्याय परिवार की कुल 58 सम्पत्तियों के बारे में सतर्कता विभाग ने जांच की है और भेजे गये प्रस्ताव में जमीन खरीदने में स्टांप में चोरी कर राजस्व हानि और एक विशेष श्रेणी की भूमि खरीदने तथा आबादी की भूमि को कृषि में दिखाकर खरीदे जाने जैसे कई गंभीर आरोप हैं।
उल्लेखनीय है कि आय से अधिक सम्पत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में सतर्कता विभाग ने पूर्व मंत्री बादशाह सिंह, अवधपाल सिंह यादव, रंगनाथ मिश्र, रामअचल राजभर, राकेश धर त्रिपाठी, चन्द्रदेव राम यादव, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बाबू सिंह कुशवाहा और रामवीर उपाध्याय की खुली जांच की। शुरुआती दौर में मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के बाद सतर्कता विभाग ने बादशाह, अवधपाल और रंगनाथ के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी। शासन से यह अनुमति मिल चुकी है, जबकि खुली जांच के बाद अब तक राम अचल, चन्द्रदेव और राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए इलाहाबाद और झांसी सेक्टर को निर्देश दे दिए गये हैं।
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